Death:मृत्यु हो चुके बेटे के साथ क्यों 3 दिन घर में बंद रही मां बोली – उसे जगाना मत, बदबू संग निकली दर्दनाक कहानी
Death: गाजियाबाद के चंद्रनगर के एक फ्लैट में मृत किशोर के पास मां और बेटी तीन दिन तक बैठी रहीं। दुर्गंध आने पर पुलिस पहुंची तो मामले का पता चला।
बताया जा रहा है कि 12 साल पहले हुई महिला के पति की मौत के बाद से ही तीनों मानसिक रूप से परेशान रहने लगे थे।
तीनों का दिल्ली के अस्पताल में इलाज चल रहा था। महिला का भाई खर्च के लिए पैसे भेजता था।
लिंकरोड पुलिस को रविवार सुबह 11 बजे दिल्ली चावड़ी बाजार निवासी प्रशांत जैन ने सूचना दी कि उनकी बहन कोमल अपनी 22 वर्षीय बेटी काव्या और 14 वर्षीय बेटे तेजस के साथ चंद्रनगर में एक फ्लैट में रह रहती हैं।
तीनों मानसिक रोगी हैं और आसपास के लोगों ने बताया कि फ्लैट से बदबू आ रही है।गेट भी नहीं खुल रहा है।
सूचना मिलने के बाद पहुंची पुलिस ने कारीगर की मदद से गेट को खोला तो अंदर का हाल देखकर सभी हैरान रह गए। कोमल और काव्या बैठी थीं और तेजस फर्श पर पड़ा मिला।
पुलिस उसे अस्पताल ले गई तो चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। तेजस के शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं पाया गया।
प्रशांत जैन और स्थानीय लोगों ने बताया गया कि तेजस कई महीने से बीमार था और मां, बेटा और बेटी का किसी के यहां आना-जाना नहीं था।
मानसिक रूप से बीमार होने के चलते तीनों का दिल्ली के इहबास अस्पताल से फरवरी माह तक उपचार भी चला।
घर में लगा था गंदगी का अंबार
लिंकरोड पुलिस का कहना है कि कोमल के पति अमित जैन की 12 साल पहले मौत (Death) हो गई थी।
इसके बाद से ही तीनों मानसिक रोगी हो गए। तीनों के परिवार के खाने पीने की जिम्मेदारी दिल्ली निवासी भाई ही उठाता था।
वह उनके खाते में पैसे भेज देता था और फिर भांजी काव्या एटीएम पर जाकर पैसे निकाल लेती थी। इतना ही नहीं बेटी ही अधिकांश ऑनलाइन खाना मंगाती थी।
महिला बोली, बेटा सो रहा है मत जगाओ
मां ने जब पुलिस को देखा तो दरवाजा खोलने को तैयार नहीं हुई। पुलिस ने ही किसी प्रकार दरवाजा खोला।
इस दौरान कोमल ने कहा कि उनका बेटा सो रहा है उसे मत जगाना,
इतना ही नहीं कोमल का कहना था कि वह उनके बेटे को कहीं न ले जाएं, डॉक्टर उसका सिर फोड़ देंगे।
घर में रखते थे अंधेरा
फ्लैट में विद्युत बिजली है, लेकिन एक भी लाइट नहीं काम कर रही।
पुलिस के मुताबिक महिला और उसकी बेटी ने सभी लाइटों का कनेक्शन काट रखा है।
बिजली का उपयोग सिर्फ मोबाइल चार्ज करने के लिए करते हैं। भाई से बातचीत में पता चला है कि दोनों को उजाले से डर लगता है।
लोगों को देखते ही लगता था डर
प्रशांत जैन ने बताया कि तीनों मानसिक रूप से इस कदर बीमार थे कि किसी को देखते ही उन्हें डर लगने लगता था।
वह फरवरी में आए थे तब काफी कोशिश के बाद भी उनकी बहन ने घर का दरवाजा नहीं खोला था।
ऑनलाइन खाना मंगवाने के बाद जब कोई खाना देने आता था तो उस समय भी गेट नहीं खुलता था।
वह डिलीवरी ब्वॉय से बाहर ही खाना रखकर चले जाने को बोल देते थे।
लोगों का कहना है कि कभी दिन में आया खाना रात को अंदर ले जाते थे तो कभी खाना काफी समय तक बाहर ही टंगा रहता था।
दोबारा शुरू किया जाएगा इलाज
परिवार का खर्च उठाने वाले भाई को देखते ही महिला और उसकी बेटी आक्रामक हो जाती हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है
कि सोमवार को उनके फ्लैट की सफाई करवाई जाएगी। दोनों को दोबारा अस्पताल भेजने की व्यवस्था की जाएगी।
ट्रांस हिंडन के डीसीपी निमिष पाटील ने कहा कि लोगों के मुताबिक तीन दिन से बदबू आ रही थी।
शव भी इतना ही पुराना लग रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।