Earthquake: इस महिला ने भूकंप से पहले ही कर ली थी ये तैयारी, जान बची तो लोग बोले- ‘चमत्कार’

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Earthquake: इस महिला ने भूकंप से पहले ही कर ली थी ये तैयारी, जान बची तो लोग बोले- ‘चमत्कार’

earthquake: तुर्की और सीरिया में आए जबरदस्‍त भूकंप की चपेट में आने से हजारों लोगों की मौत हो गई.

हालांकि, कुछ ऐसे भाग्‍यशाली लोग भी थे, जो इस आपदा में सुरक्षित बच गए.

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ऐसे ही भाग्‍यशाली लोगों में से एक हैं सीरिया की उम कानन. जब उम कानन ने भूकंप (earthquake) के शुरुआती

झटके महसूस किए, तो उन्‍होंने अपने तीन बच्चों को जगाया और परिवार की तस्वीरों और दस्तावेजों को

बेडरूम में एक छोटी-सी कोठरी में ले गई. भूकंप (earthquake) इतना भयंकर था

कि सीरिया के भूमध्यसागरीय शहर जबलेह में उनके चौथी मंजिल के अपार्टमेंट को ध्‍वस्‍त कर दिया.

इससे उनके लगभग सभी पड़ोसी मारे गए, लेकिन उनमें से चार और उनकी यादों के कीमती बैग बच गए.

बिल्डिंग ध्‍वस्‍त होने से उम कानन और उनका सबसे छोटा बच्चा कोठरी में एक मीटर से अधिक चौड़ी जगह के

फंस गए. वहीं, उनके दो बड़े बच्चे कोठरी और उसके बिस्तर के बीच एक कोने में दुबक गए थे.

जब इमारत गिरी, तब इन्‍होंने खुद को बचाने के लिए तकिए का इस्तेमाल किया.

उम कानन ने भूकंप (earthquake) के बाद उस कोठरी में फंसे होने के अनुभव साझा करते हुए कहा,

“मैं सोच रही थी, क्‍या ऐसा हो सकता है? क्‍या हमारी इमारत अभी गिर गई है? क्‍या यह एक सपना है?

मैंने हिलने की कोशिश की, लेकिन ऐसा कर नहीं सकी. उन्‍होंने कहा, “बच्चों और मैं,

किसी चमत्कार से हम इस छोटी-सी जगह में आ गए, जिसे हमने खाली छोड़ रखा था.”

उम कानन के पति एक सैन्य अधिकारी हैं, वह भी इस प्राकृतिक आपदा में बच गए।

जब 7.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें सीरिया में 5,000 से अधिक लोग मारे गए

और तुर्की में 35,000 लोगों ने जान गंवाई, तब उम कानन के पति घर पर नहीं थे.

लेकिन इस आपदा की चपेट में उनकी पत्‍नी और बच्‍चे आ गए, जिन्‍हें बचाव दल ने सुरक्षित मलबे के नीचे से

निकाल लिया. ये किसी चमत्‍कार से कम नहीं है, क्‍योंकि उनके सभी पड़ोसी जीवित नहीं रहे हैं.

उम कानन ने बताया, “बचाव कर्मियों ने कोठरी के ऊपर से छत को हटा दिया और शुक्र है

कि दोनों बच्चों को ठीक से बाहर निकाला. फिर मुझे और मेरे सबसे छोटे को भी बाहर निकाल लिया गया.

मैंने अपने साथ पैक किया हुआ बैग भी निकाल लिया.” जब उम कानन ने बाहर निकलकर देखा,

तो उनका घर टूटे हुए कंक्रीट का ढेर था, और उनके फर्नीचर और सामान नीचे कुचल गए थे.

इसलिए वे अपनी बची हुई संपत्ति के साथ एक रिश्तेदार के घर चली गईं.

भूकंप (earthquake) के खौफ से बेचैनी महसूस करते हुए उम कानन ने बताया कि उन्‍होंने एक दिन पहले बैग तैयार

किया था और इसे परिवार के प्रमाण पत्र, आईडी और अपने विवाह प्रमाण पत्र के साथ-साथ फोटो एल्बम और वीडियो

रखे थे. उन्‍होंने कहा, “हम उस घर में लगभग आठ साल से रह रहे थे और मैंने पहले कभी

इस तरह से चीजों को संग्रहित करने के बारे में नहीं सोचा था.” उम कानन ने कहा कि

वह आपदा से सुरक्षित बच कर बेहद भाग्‍यशाली महसूस कर रही हैं.

ये भी अच्‍छी बात है कि उनकी यादें भी फोटो एलबल के रूप में उनके साथ हैं.

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Ajay Sharmahttps://computersjagat.com
Indian Journalist. Resident of Kushinagar district (UP). Editor in Chief of Computer Jagat daily and fortnightly newspaper. Contact via mail computerjagat.news@gmail.com

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