Ganga Nadee पर नवनिर्मित ब्रिज का हुआ Speed Traayal, 70 किमी/घंटे की रफ्तार में मिली सफलता
भारतीय रेल की सर्वोच्च प्राथमिकता संरक्षा को ध्यान में रखते हुए मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त जनक कुमार गर्ग ने झूंसी-प्रयागराज रामबाग के मध्य Ganga Nadee पर नवनिर्मित मेजर ब्रिज सं-111 का संरक्षा निरीक्षण किया।
इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक/वाराणसी विनीत कुमार श्रीवास्तव, कार्यकारी निदेशक/आरवीएनएल विकास चंद्रा, मुख्य रेल पथ इंजीनियर/पूर्वोत्तर रेलवे आशुतोष मिश्र सहित रेलवे और रेल विकास निगम लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
निरीक्षण की शुरुआत दारागंज साइड वाईडक्ट (872 मीटर) से हुई, जहां स्लीपर स्पेसिंग, फिटिंग्स, और ट्रैक्शन फिटिंग्स की ऊंचाई की जांच की गई।
इसके बाद आयुक्त ने 1,934.40 मीटर लंबे दोहरी लाइन वाले मेजर ब्रिज सं-111 का गहन निरीक्षण किया
जिसमें 76.20 मीटर के 24 स्पैन और वॉरेन ट्रस डिज़ाइन में ओपन वेब स्टील गर्डर की मजबूती व लचीलापन जांचा गया।
इस पुल पर डबल-हेडेड लोकोमोटिव चलाने की सुविधा का भी परीक्षण किया गया।
साथ ही, झूंसी साइड वाईडक्ट (6×24.4 मीटर) का भी निरीक्षण हुआ।
निरीक्षण के दौरान मॉनसून में ब्रिज के रखरखाव, ट्रैक फिटिंग्स की जंक-रोधी लुब्रिकेशन,
फाउंडेशन पिलर्स पर जल दबाव, ओवरहेड ट्रैक्शन पोल की आइसोलेशन, और ब्रिज की वेगानुरूप नॉइस टेस्टिंग पर विशेष ध्यान दिया गया।
निरीक्षण के अंत में, रेल संरक्षा आयुक्त ने अपनी निरीक्षण स्पेशल ट्रेन से 1.93 किमी लंबे इस रेल खंड पर 70 किमी/घंटा की अधिकतम गति से Speed Traayal सफलतापूर्वक पूरा किया।