Income Tax का आयकर विभाग ने भेजा नोटिस? अब रिटर्न फाइल करें या दें जवाब
Income Tax: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR Filing) करने का समय आ गया है।
वैसे तो रिटर्न फाइल करते समय हम काफी सावधान रहते है पर इसके बावजूद कई बार आयकर विभाग(Income Tax Department) द्वारा नोटिस भेज दिया जाता है।
विभाग के नोटिस (IT Notice) के बाद सबसे पहले सवाल आता है कि अब क्या करें?
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इसका मतलब है कि नोटिस का जवाब दें या फिर रिटर्न फाइल करें। कई बार करदाता इन दोनों को छोड़कर नोटिस की जांच करने में लग जाते हैं।
आज हम आपको बताएंगे कि विभाग द्वारा नोटिस मिलने के बाद आपको क्या करना चाहिए।
बता दें कि जब कोई टैक्सपेयर नोटिस का जवाब या फिर गलती को सुधारने के लिए रिटर्न फाइल नहीं करता है
तब विभाग जांच करती है। ऐसे में पहले यह जानना जरूरी है कि विभाग द्वारा नोटिस किस वजह से भेजा गया है।
किस वजह से आया नोटिस
अगर विभाग इनकम टैक्स एक्ट की धारा 143(1) के तहत नोटिस भेजती है तब घबराने की जरूरत नहीं है।
धारा 143(1) के बारे में टैक्स एक्सपर्ट और चार्टेड अकाउंटेंट अंकित गुप्ता ने बताया
कि इस धारा को टैक्स की भाषा में लेटर ऑफ इंटीमेशन (Letter of Intimation) कहते हैं।
जब रिटर्न फाइल के दौरान टैक्सपेयर से ब्याज से जुड़ी कोई जानकारी गलत भर देता है तब विभाग नोटिस भेजता है।
इस नोटिस में विभाग आदेश देता है कि आपने आईटीआर में जो गलती की है उसमें सुधार कर लें।
अगर करदाता को धारा 142(1) के तहत मिलता है तो इसका मतलब है कि विभाग करदाता को आदेश दे रहा है कि वह जल्द से जल्द रिटर्न फाइल करें।
यह नोटिस तब जारी होती है जब विभाग को बाकी जानकारी जैसे कैपिटल गेन, ब्याज से होने वाली इनकम आदि की जानकारी चाहिए।
सीबीडीसी ने जारी की गाइडलाइन
सभी करदाता सही तरह से आईटीआर फाइल करें इसके लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDC) ने गाइडलाइन भी जारी की है।
यह गाइडलाइन हर साल जारी होती है। इस गाइडलाइन में सभी जानकारी दी होती है।
यह गाइडलाइन आईटी अधिकारियों और राष्ट्रीय फेसलेस मूल्यांकन केंद्र की भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में भी बताता है।
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बता दें कि अगर आपके पास भी विभाग द्वारा नोटिस आया है तो आपको 30 जून 2024 तक इसके लिए रिटर्न फाइल करना होगा।
वित्त अधिनियम 2021 द्वारा नोटिस के बाद रिटर्न फाइल करने की समय सीमा कम कर दी गई है।
एक्यूब वेंचर्स के डायरेक्टर आशीष अग्रवाल ने कहा कि
आयकर नोटिस का मामला गंभीर हो सकता है, इसलिए आपको नोटिस के अनुसार कदम उठाना चाहिए। इसके खिलाफ इग्नोर करना आपके लिए समस्याओं का सामना करने के लिए बड़ी समस्या बन सकता है