electricity: डेढ़ करोड़ जमा कराने के बाद भी नहीं दिया बिजली का कनेक्‍शन, जांच में घिरे दो इंजीनियर

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electricity: डेढ़ करोड़ जमा कराने के बाद भी नहीं दिया बिजली का कनेक्‍शन, जांच में घिरे दो इंजीनियर

electricity: बिजली कनेक्शन के लिए 1.40 करोड़ रुपए जमा करने के बाद भी बिजली इंजीनियर

12 महीने तक त्रिवेणी इंजीनियरिंग फर्म को दौड़ाते रहे। थककर फर्म ने सीई और

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एमडी से शिकायत की तो जांच हुई। जांच में दो इंजीनियर घिरते नज़र आ रहे हैं।

सीई ने जांच में माना है कि 500 किलोवाट का कनेक्शन देने में लापरवाही से फर्म का तो नुकसान हुआ ही है।

निगम को भी हर महीने 1.12 लाख यानि अबतक करीब 12.30 लाख रुपए की चपत लग चुकी है।

मुख्य अभियंता ने मामले में देरी के लिए जिम्मेदार मिले कुशीनगर वितरण मण्डल के तत्कालीन एसई व वितरण

खण्ड हाटा के एक्सईएन दोनों इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की है।

उधर, पूर्वांचल एमडी ने अलग से एक अस्थाई जांच कमेटी गठित की है। जांच की जिम्मेदारी आजमगढ़ जोन के मुख्य

अभियंता को दी है। दरअसल कुशीनगर जनपद के रामकोला की त्रिवेणी इंजीनियरिंग एण्ड इण्डस्ट्रिज लिमिटेड ने

रामकोला सुगर मिल के पक्ष में 500 केवीए के बिजली कनेक्शन के लिए आवश्यक कागजी प्रक्रिया पूरी कर

आवेदन जुलाई-21 में हाटा एक्सईएन कार्यालय में जमा किया। एक्सईएन लाइन बनाने के लिए सर्वे कराकर

1.33 करोड़ का इस्टीमेट दिया। फर्म ने 2 अगस्त-21 को पैसा जमा कर दिया।

इसके बाद निगम ने संशोधित इस्टीमेट देकर 5.25 लाख और मांगे।

फर्म ने 17 अगस्त-21 को यह पैसा भी निगम के खाते में जमा करा दिए।

कुशीनगर वितरण मण्डल के एसई ने लाइन निर्माण के लिए 17 दिसम्बर-21 को निविदा का प्रकाशन कराकर

पार्ट-एक (तकनीकी प्रपत्र) 31 दिसम्बर-21 को तथा निविदा का पार्ट-2 (दर प्रस्ताव) एक माह विलम्ब से फरवरी-22 को

खोला। तत्कालीन एसई ने निविदा फाइलन होने के बाद अति विलम्ब से निविदा के सापेक्ष ठेकेदार को

एलओवाई 13 अप्रैल-22 को जारी की। इसतरह ठेकेदार ने अप्रैल मई में खम्भा व तार लगाने का कार्य कराया।

उसके बाद दो माह तक काम ठप रखा। लाइन निर्माण व कनेक्शन मिलने में देरी होने पर

त्रिवेणी इंजीनियरिंग के अतिरिक्त महाप्रबन्धक प्रकाश झा ने अगस्त-22 में जोन के सीई व एमडी को पत्र लिखकर

मामले से अवगत कराया। उन्होने शिकायती पत्र में कहा कि हमारे परिसर तक लाइन निर्माण में 55 खम्भे लगने थे।

अबतक इंजीनियरों ने 35 खम्भे ही लगाए है। दो माह से लाइन

निर्माण का कार्य भी ठप है। ऐसे में हमे कनेक्शन समय पर नहीं मिल सकेगा।

जांच हुई तो मामला खुला

पूर्वांचल एमडी ने मामले का संज्ञान लेकर जोन के तत्कालीन सीई ई.एके सिंह से जांच कर रिपोर्ट मांगी।

सीई ने रिपोर्ट एमडी को भेजी। सीई अपनी रिपोर्ट में माना की कुशीनगर वितरण मण्डल के तत्कालीन

एसई ई. राकेश गुप्ता व हाटा वितरण के एक्सईएन ई. बीएल आनन्द ने जानबूझकर अति महत्वपूर्ण कार्य को विलम्बित

किया। इससे निगम को प्रतिमाह करीब 1.12 लाख की राजस्व हानि लगातार 11 माह से होती रही।

जो अबतक करीब 12.32 लाख रुपये होता है। इस रिपोर्ट पर एमडी ने आजमगढ जोन के

मुख्य अभियंता ई. अनिल नारायण सिंह के नेतृत्व में जांच कमेटी सप्तम का गठन कर रिपोर्ट मांगी है।

उन्होने सेवानिवृत एसई ई. राकेश गुप्ता और एक्सईएन ई. बीएल

आनन्द को आरोप पत्र भेजकर 15 दिन में तलब किया है।

गोरखपुर जोन के मुख्‍य अभियंता ई.आशु कालिया ने बताया कि त्रिवेणी इंजीनियरिंग की लाइन निर्माण और

कनेक्शन देने में देरी पर डिस्काम की अस्थाई जांच समिति सप्तम जांच कर रही है।

इसके बाद ही सम्बन्धित जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई पर निर्णय हो सकेगा।

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Ajay Sharmahttps://computersjagat.com
Indian Journalist. Resident of Kushinagar district (UP). Editor in Chief of Computer Jagat daily and fortnightly newspaper. Contact via mail computerjagat.news@gmail.com

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