car insurance claim lawyer: चलती कार का टायर फट जाए तो क्या इंश्योरेंस कंपनी देगी क्लेम? जानिए क्या कहता है हाईकोर्ट का अहम फैसला..
car insurance claim lawyer: ज्यादातर लोग कार एक्सीडेंट या गाड़ी में अचानक आने
वाली खराबी के वजह से मिलने वाले बीमा क्लेम (car insurance claim lawyer) को लेकर
अनजान रहते हैं. नियम के अनुसार, अगर आप कार चला रहे हों
और वह रास्ते में अचानक खराब हो जाए या उसके वजह से हादसे में
किसी की मौत हो जाए तो बीमा कंपनियां क्लेम देने के लिए बाध्य होती हैं.
दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay Highcourt) ने चलती गाड़ी का टायर फटने
(Tyre Burst) के एक मामले में अहम फैसला सुनाया है.
यह मामला टायर फटने से हुए कार सवार की मौत के मामले से जुड़ा हुआ है.
इंश्योरेंस कंपनी ने कोर्ट में दलील दी थी की टायर फटने से हुई मौत ईश्वरीय घटना है,
जबकि कोर्ट ने इस दलील को गलत ठहराते हुए इसे मानवीय लापरवाही बताया।
कोर्ट ने बीमा कंपनी को मृतक के परिवार को 1.25 करोड़ रुपये
के मुआवजे का भुगतान करने का निर्देश भी दिया है.
क्या है मामला?
मकरंद पटवर्धन 25 अक्टूबर 2010 को अपने दो सहयोगियों के साथ पुणे से मुंबई (Mumbai) जा
रहे थे. इसी दौरान कार का पिछला टायर फटने से उनकी गाड़ी अनियंत्रित होकर
गहरी खाई में गिर गई थी. इस हादसे में 38 वर्षीय मकरंद की मौके पर ही मौत हो गई थी.
17 फरवरी को इस मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट की एकल पीठ ने मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के
2016 के फैसले के खिलाफ ‘न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड’ की अपील खारिज कर दी.
कंपनी ने कहा दैवीय घटना
न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने अपनी याचिका में
इस दुर्घटना को दैवीय घटना बताया था, न कि चालक की लापरवाही।
हालांकि, कोर्ट ने बीमा कंपनी की इस दलील को दरकिनार कर दिया.
कोर्ट ने कहा कि अप्रत्याशित प्राकृतिक घटना के लिए इंसान जिम्मेदार नहीं होता है.लेकिन टायर
फटने को दैवीय घटना नहीं कहा जा सकता. ये पूरी तरह मानवीय लापवाही का मामला है.
पीड़ित परिवार को मिली राहत
कोर्ट के मृतक के परिवार के पक्ष मेंफैसला सुनाते हुए बीमा कंपनी ‘न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी
लिमिटेड’ को मुआवजे के रूप में 1.25 करोड़ रुपये भुगतान करने का आदेश दिया है.
कोर्ट ने अपने आदेश में इस बात पर भी जोर दिया कि वाहन के
चालक या मालिक को यात्रा से पहले टायर की स्थिति की जांच करनी चाहिए.