Car Insurance: चार तरह की होती है बीमा पॉलिसी, नुकसान को इस तरह करती है कवर

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Car Insurance: चार तरह की होती है बीमा पॉलिसी, नुकसान को इस तरह करती है कवर

Car Insurance: भारतीय बीमा नियामक व विकास प्राधिकरण (IRDAI) के 1 अगस्त से लागू नए नियम

के बाद अपने व्हीकल के लिए पैकेज फॉर्म में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस+ओन-डैमेज इंश्योरेंस लेने की

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बाध्यता समाप्त हो गई है. अब नया व्हीकल खरीदने पर ओनर चाहे तो थर्ड पार्टी इंश्योरेंस व ओन डैमेज कवर को

अलग-अलग ले सकता है. कार की बात करें तो इस नए नियम के आने से कार खरीदना थोड़ा सस्ता हो जाएगा.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस और ओन डैमेज इंश्योरेंस होता क्या है?

दरअसल भारत में अपना वाहन खरीदने वाले हर शख्स के लिए वाहन बीमा यानी

मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी (Car Insurance) खरीदना अनिवार्य है.

यह कार, टूव्हीलर या कमर्शियल गाड़ी तीनों के मामले में लागू होता है.

बिना बीमा के सार्वजनिक स्थल पर मोटर व्हीकल चलाना, मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के अनुसार

एक दण्डनीय अपराध है. कार की बात करें तो इसके लिए 4 तरह की इंश्योरेंस पॉलिसी होती हैं,

जिनमें थर्ड पार्टी इंश्योरेंस और ओन डैमेज इंश्योरेंस भी शामिल हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से….

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस

कार के साथ थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना कानूनी रूप से अनिवार्य है.

इसके तहत आपके व्हीकल से सड़क पर चलने वाले किसी व्यक्ति या अन्य को या किसी प्रॉपर्टी को हुए नुकसान का

मुआवजा दिया जाता है. ऐसी घटना के कारण आप पर बनने वाली कानूनी देनदारियों का

इसी पॉलिसी से निपटारा होता है. आपके व्हीकल से किसी व्यक्ति को शारीरिक नुकसान या मौत होने पर

इसी इंश्योरेंस प्लान से मुआवजा मिलता है. लेकिन इस इंश्योरेंस में व्हीकल ओनर या चालक को होने वाले किसी भी

नुकसान की भरपाई की कोई जिम्मेदारी नहीं होती है. इरडा के नियमों के मुताबिक,

कार लेने पर 3 साल और टूव्हीलर लेने पर 5 साल का थर्ड पार्टी कवर लेना अनिवार्य है.

ओन डैमेज

केवल व्हीकल को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए जो पॉलिसी खरीदी जाती है,

उसे ओन डैमेज (Own Damage Policy) कहा जाता है. इसमें बीमा कंपनी कार को हुए नुकसान की भरपाई के लिए

मुआवजा देती है. IRDAI के मुताबिक, ओन डैमेज सेक्शन के तहत इन हालातों में नुकसान कवर होता है…

  • आग, विस्फोट, अपने-आप आग लगना, बिजली गिरना

  • भूकम्प

  • बाढ़, तूफान, चक्रवात, बवंडर, झंझावात, जल प्लवन, ओलावृष्टि, बर्फबारी

  • रेल/सड़क, अंतर्देशीय जलमार्गों, लिफ्ट, एलिवेटर या वायु द्वारा सफर के दौरान

  •     भूस्खलन/चट्‌टानें खिसकना

  •     सेंधमारी/डाका/चोरी

  •     दंगा और हड़ताल

  •     बाह्य कारकों में दुर्घटना

  •     दुर्भावनापूर्ण कृत्य

  •     आतंकवादी कृत्य

कॉम्प्रिहैन्सिव पॉलिसी या पैकेज पॉलिसी

थर्ड पार्टी बीमा के साथ जब Own Damage Policy भी एक ही पैकेज में शामिल करके ली जाती है

तो उसे कॉम्प्रिहैन्सिव पॉलिसी कहते हैं. ऐसी पॉलिसी से अन्य व्यक्ति व वाहन को नुकसान के साथ-साथ आपके

वाहन को हुए नुकसान की भी भरपाई एक ही पॉलिसी से हो जाती है.

इरडा ने इसी लॉन्ग टर्म पैकेज पॉलिसी को लेने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है.

अब व्हीकल ओनर के लिए पैकेज में ​थर्ड पार्टी इंश्योरेंस व ओन डैमेज इंश्योरेंस लेना वैकल्पिक होगा.

वहीं ओन डैमेज कवर के लिए दो विकल्प होंगे. पहला, ग्राहक थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के साथ बंडल में एक साल का

ओन डैमेज कवर ले सकता है और दूसरा थर्ड पार्टी व ओन डैमेज के लिए दो अलग-अलग पॉलिसी ले सकता है.

व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा

कार दुर्घटना में गाड़ी चलाने वाले को हुई शारीरिक क्षति के लिए व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा काम आता है.

इसे लेना भी थर्ड पार्टी इंश्योरेंस की तरह अनिवार्य होता है. इसमें चालक और सामने वाली सीट पर बैठे दूसरे व्यक्ति के

अलावा अन्य पैसेंजर्स को भी शामिल किया जा सकता है. हादसे में अगर कार मालिक की मौत हो जाती है

या स्थायी विकलांगता की स्थिति में उसे/ परिवार वालों को मुआवजा मिलता है.

भारत में मोटर इंश्योरेंस के साथ व्हीकल ओनर/ड्राइवर और साथ में बैठे व्यक्ति के लिए न्यूनतम 15 लाख का व्यक्तिगत

दुर्घटना बीमा लेना अनिवार्य है. IRDAI ने 1 जनवरी 2019 से पर्सनल एक्सीडेंट कवर को मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी से

अलग कर दिया है. यानी वाहन मालिक चाहे तो कार खरीदते वक्त मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी+ पर्सनल एक्सीडेंट कवर

दोनों ले सकता है. या फिर जनरल पर्सनल एक्सीडेंट प्रॉडक्ट के तौर पर पर्सनल एक्सीडेंट कवर को

अलग से किसी अन्य इंश्योरर से ले सकता है. ऐसे में अगर किसी ने पहले से ही 15 लाख या इससे ज्यादा का पर्सनल

एक्सीडेंट कवर लिया हुआ है तो उसे मोटर इंश्योरेंस के तहत कंपल्सरी पर्सनल कवर लेने की जरूरत नहीं है.

इन्हें कर सकते हैं एड ऑन

ग्राहक चाहे तो मोटर इंश्योरेंस में कुछ एडिशनल कवर एड ऑन कर फायदे बढ़ा सकता है. जैसे…

  •     एक्सेसरीज कवर

  •     इंजन प्रोटेक्शन

  •     नो क्लेम बोनस प्रोटेक्शन

  •     जीरो डेप्रिसिएशन

  •     रोडसाइड असिस्टेंस

  •     रिटर्न टू इनवॉयस आदि

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Ajay Sharmahttps://computersjagat.com
Indian Journalist. Resident of Kushinagar district (UP). Editor in Chief of Computer Jagat daily and fortnightly newspaper. Contact via mail computerjagat.news@gmail.com

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