Aadhar card:हाईकोर्ट पहुंचा मामला,क्या सच में हो रहे हैं आधार कार्ड कैंसल…, जज ने सरकार से कहा…
Aadhar card: कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को केंद्र सरकार को अधिकारियों द्वारा लोगों के आधार कार्ड को बंद करने का आरोप लगाने वाली एक जनहित याचिका पर हलफनामा (बयान) दर्ज करने का निर्देश दिया.
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) अशोक चक्रवर्ती (Ashoke Chakrabarti) ने जनहित याचिका पर सवाल उठाया है.
उन्होंने कहा कि याचिका में आधार कार्ड बंद से प्रभावित किसी भी व्यक्ति के किसी भी व्यक्तिगत मामले का हवाला नहीं दिया गया है.
मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने केंद्र को जनहित याचिका में लगाए गए आरोपों पर अपनी स्थिति बताते हुए तीन सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.
इसमें दावा किया गया कि आधार कार्ड अधिनियम धारा 28 ए के तहत प्रावधानों का उपयोग करके लोगों के आधार कार्ड मनमाने तरीके से बंद किए जा रहे हैं.
कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सरकार के बयान के एक सप्ताह बाद अपना हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. वहीं में शामिल न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य ने कहा कि मामले पर अगली सुनवाई 25 अप्रैल को फिर से होगी.
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) ने कोर्ट को बताया कि आधार अधिनियम की धारा 28ए केवल विदेशी नागरिकों से संबंधित है.
उन्होंने कहा कि कुछ विदेशी नागरिक भारत आ रहे थे और कुछ सरकारी विभागों की मिलीभगत से अवैध रूप से आधार कार्ड प्राप्त कर रहे थे, जिससे एक बड़ी राष्ट्रीय सुरक्षा समस्या पैदा हो गई.
याचिकाकर्ता की वकील झूमा सेन ने कहा कि धारा 28ए के तहत आधार कार्ड को बंद करने के प्रावधान आधार अधिनियम के दायरे से बाहर हैं और यह नियम के खिलाफ है. मालूम हो कि एनआरसी के खिलाफ ज्वाइंट फोरम नाम के संगठन ने जनहित याचिका दायर की थी.
आधार अधिनियम की धारा 28ए में प्रावधान है कि किसी विदेशी नागरिक का आधार नंबर भारत में रहने के लिए उनके वीजा की वैधता की अवधि समाप्त होने या अथॉरिटी को लगे कि ऐसा विदेशी नागरिक पासपोर्ट अधिनियम के प्रावधानों के तहत भारत में प्रवेश या रहने की आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है तो उस आधार पर निष्क्रिय किया जा सकता है