गेहूं और गन्ने की फसल पर अब नहीं पड़ेगी weather की मार,नई प्रजातियों पर शोध
weather:अब गेहूं और गन्ने को मौसम की मार ज्यादा प्रभावित नहीं करेगी।
सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय किसानों के विकास के लिए
ऐसी नई प्रजातियों को विकसित करने के लिए शोध करेगा। विवि प्रबंध परिषद ने इसके लिए
50 लाख रुपये का आवंटन किया है। इसमें शिक्षकों को प्रोजेक्ट दिए जाएंगे,
जिससे वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों की समस्याओं को ध्यान में रख शोध करेंगे
और विकसित तकनीकों और प्रजातियों को किसानों तक पहुंचाएंगे।
विवि कुलपति डॉ. केके सिंह ने बताया कि विवि शोध की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देगा
और फील्ड एक्सपेरिमेंट को व्यवस्थित तरीके से उपयोग करेगा ताकि अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकें।
शोध के लिए 50 लाख रुपये का आवंटन
किसानों और चीनी उद्योग के लिए रामबाण साबित हुई गन्ना प्रजाति 0238
इन दिनों बीमारी की चपेट में आ चुकी है। इससे न केवल किसान चिंतित हैं
बल्कि चीनी उद्योग भी परेशान है। इसे देखते हुए कृषि विवि ने गन्ने और गेहूं के साथ अन्य फसलों की
नई प्रजातियों पर काम करना शुरू कर दिया है। प्रबंध परिषद ने
नई प्रजातियों के लिए शोध के लिए 50 लाख रुपये का आवंटन कर दिया है।
क्लाइमेंट चेंज से बेअसर रहे प्रजाति
डॉ. केके सिंह ने बताया कि विवि में विकसित होने वाली प्रजातियां क्लाइमेंट चेंज के
दौरान अच्छा प्रदर्शन करेंगी। विश्वविद्यालय पश्चिमी उत्तर प्रदेश की
आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्रजातियों का विकास किया जाएगा ताकि
इससे क्षेत्र के किसान लाभान्वित हो सकेंगे। प्रबंध परिषद की बैठक में शोध की गुणवत्ता को सुधारने के लिए
50 लाख रुपये का आवंटन किया गया है। प्रो. आरएस सेंगर ने बताया कि विगत एक वर्ष में विश्वविद्यालय के पास
कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय परियोजनाएं हैं जिस पर शोध कार्य चल रहा है।
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कृषि विवि के कुलपति डॉ. केके सिंह का कहना है कि शोध छात्रों को मात्र पीएचडी की
डिग्री के लिए नहीं बल्कि रिसर्च के लिए जुनून होना चाहिए। छात्रों को चाहिए
वे प्रतिदिन सोने से पहले अपने एक्सपेरिमेंट के बारे में शोध पत्रों को पढ़ें और जो शोध पत्र अच्छे हों उनको अपने
पास रखें। पीएचडी की डिग्री से अलग छात्रों को केवल रिसर्च में जुनून के साथ जुट जाना चाहिए।