Uttarakhand

Tourist:वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम – नेचर गाइड देंगे पर्यटकों को प्रकृति की जानकारी

Tourist:वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम - नेचर गाइड देंगे पर्यटकों को प्रकृति की जानकारी

Tourist:वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम – नेचर गाइड देंगे पर्यटकों को प्रकृति की जानकारी

Tourist:धारचूला में आने वाले पर्यटकों को प्रकृति से जोड़ने के लिए नेचर गाइड की टीम तैयार की गयी है। नेचर गाइड क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों को यहां के प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यावरण की जानकारी देंगे।

पर्यटन विभाग द्वारा धारचूला के आसपास वाइब्रेंट गांव के लोगो को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए नेचर गाइड की ट्रेनिंग प्रदान करी गयी।

साथ ही प्रशिक्षणार्थियों को पर्यटन, वाइल्ड लाइफ, इको टूरिज्म साइट के बारे में जानकारी दी गयी।

पर्यटन विभाग एवं पर्यटन एवं THSC द्वारा धारचुला में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

देश-दुनिया से धारचूला आने वाले पर्यटकों को बेहतर सेवाएं और मार्गदर्शन करने और स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए पर्यटन विभाग द्वारा धारचूला के सीमान्त गांव जैसे गर्ब्यांग, दुग्तु, गुंजी, कुटी, नेपालचू, नाबी, रोंगकोंग, बार्लिंग के 50 प्रशिक्षु धारचूला, पिथौरागढ़ के 50 युवाओं को गाइड का प्रशिक्षण दिया गया।

ट्रेनिंग में 30% महिलाओं की भागेदारी रही जो वर्ड वाचिंग, सफारी, ट्रेकिंग, माउंटेरिंग समेत पर्यटकों को जंगलों की सैर कराने में मार्गदर्शन करेंगे।

खंड विकास अधिकारी हॉल, धारचूला में नेचर गाइडों के दस दिवसीय प्रशिक्षण में गाइडों को धामी गांव, पंचाचौली पीक का भ्रमण करा, जंगल में रहने वाले जीव जंतुओं एवं पक्षियों की पहचान और उनके महत्व के बारे में कई टिप्स दिए गए।

ट्रेनर बची सिंह बिष्ट द्वारा पशु पक्षियों, जीव जंतुओं एवं जानवरों के पगों की पहचान एवं उनके आदतों के बारे में अवगत कराया।

ट्रेनिंग में संबंधित क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यक्तियों जैसे डॉ. डी.आर. पुरोहित (मध्य हिमालय की संस्कृति और कला के संरक्षण, प्रचार और प्रसार के लिए कार्यरत), डॉ. मनोज इस्टवाल ( वरिष्ठ पत्रकार), भूमेश भारती (फोटोग्राफर-यात्री),

संजय सोंधी (पर्यावरण-पर्यटन और पक्षियों, तितलियों, पतंगों के संरक्षण का कार्य) , डॉ. स्वर्णा गुप्ता, मैनेजर, पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार, डॉ. राजेश सिंह गुंजियाल (वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, सरकारी अस्पताल, धारचूला),  दिनेश चंद्र जोशी (रेंज अधिकारी, वन विभाग, धारचूला),

डॉ. सुनील कुमार (निदेशक, आईएचएमएस, कोटद्वार),  आशुतोष (डीएफओ पिथौरागढ), एसडीएम धारचूला,जिला पर्यटन विकास अधिकारी, पिथौरागढ़ द्वारा द्वारा अतिथि व्याख्यान प्रस्तुत किया गया।

धारचूला के आस पास के क्षेत्रों में ईको टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। सीमांत क्षेत्र की तीनों घाटियों दारमा, व्यास और चौंदास में वन्य प्राणी, वनस्पति और जीव-जंतुओं को बचाने के साथ उसमें पर्यटन विकसित करने के लिए ग्रामीण युवकों को ‘नेचर गाइड’ बनाने की योजना शुरू की गई थी।

प्रकृति व पर्यावरण संरक्षण में नेचर गाइड महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और पर्यटकों को प्रकृति के साथ जोड़ सकता है।

प्रशिक्षुओं को ईको टूरिज्म और नेचर टूर गाइड की प्रस्तुति, व्यवहार, संचार, और जिम्मेदार पर्यटन आदि विभिन्न पक्षों पर प्रशिक्षण दिया गया। इस पूरे प्रोग्राम को लीड कर रहीं उत्तराखंड पर्यटन परिषद की अपर निदेशक श्रीमती पूनम चंद ने बताया कि इस योजना का सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य यह है कि उत्तराखंड के स्थानीय युवा पर्यटन व्यवसाय से जुड़ें और अपने आसपास स्वरोजगार की संभावनाओं पर काम करें. साथ ही उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत धारचूला की तीनो घाटियों में स्किल टूरिस्ट गाइड की फौज खड़ी की जा रही है, जिससे उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को क्वालिटी टूरिज्म में बढ़ावा देखने को मिलेगा, साथ ही साथ धारचूला की तीनो घाटियों के ऐसे ट्रेक रूट जो कि अभी पर्यटन के नक्शे पर नहीं हैं, उन्हें भी बढ़ावा दिया जाएगा.

ट्रेनिंग प्रोग्राम के समापन समारोह में अपर निदेशक द्वारा प्रशिक्षुओं को उत्तराखंड नेचर हैंडबुक भेट की गयी। समापन समारोह में मुनस्यारी क्षेत्र को पर्यटन मानचित्र पर लाने का काम करने वाले युवा होनहार सुरेंद्र पंवार द्वारा बर्ड वाचिंग से सम्बंधित महत्यपूर्ण टिप्स दिए गए। THSC के ट्रेनिंग पार्टनर समर्पित मीडिया सोसाइटी द्वारा धारचूला में ट्रेनिंग का सञ्चालन किया गया।

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Ajay Sharma

Indian Journalist. Resident of Kushinagar district (UP). Editor in Chief of Computer Jagat daily and fortnightly newspaper. Contact via mail computerjagat.news@gmail.com

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