Road accident :इस जिले की हालत चिंताजनक,सड़क हादसों में हररोज 3 लोग गवां रहे हैं जान
Road accident : उत्तराखंड की सड़कों पर हादसे कम नहीं हो रहे हैं।
2022 में रोजाना औसतन करीब तीन लोगों की सड़क हादसों में जान गई है
तो चार लोग घायल हुए हैं। सड़क हादसों में 19.15 फीसदी का इजाफा हुआ है।
मृतक 27 और घायल 47.85 फीसदी बढ़े हैं। वर्ष 2021 में 1405 सड़क हादसे हुए हैं,
जिनमें 820 लोगों की मौत और 1613 लोग घायल हुए हैं। जबकि 2022 में 1674 सड़क हादसों में 1042 लोगों की
मौत और 1613 घायल हुए हैं। ज्यादातर हादसों की वजह ओवर स्पीड बताई जा रही है।
चंपावत में सबसे ज्यादा वृद्धि : सड़क हादसों में चंपावत जिले में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है।
2021 में यहां 11 सड़क हादसों में 4 लोगों की मौत हुई थी। जबकि 2022 में 25 हादसों में 29 लोगों की मौत हुई है।
यहां मृतकों की संख्या में 625 फीसदी का इजाफा हुआ है। देहरादून जिले में भी हादसे 27 फीसदी बढ़े हैं।
यहां 2021 में 365 सड़क हादसे (Road accident) हुए। जबकि 2022 में 465 हादसे हुए हैं।
मृतकों की संख्या सात फीसदी बढ़ी है। इसमें 331 हादसे ओवर स्पीड की वजह से हुए हैं।
अल्मोड़ा-बागेश्वर में कमी : अल्मोड़ा और बागेश्वर जनपद में सड़क हादसों के साथ मृतक और घायलों की संख्या में भी
कमी आई है। अल्मोड़ा में 2021 में 21 हादसों में 13 लोगों की मौत और 41 घायल हुए थे।
जबकि 2021 में 13 हादसों (Road accident) में 8 की मौत और 30 घायल हुए हैं।
बागेश्वर में 2021 में 9 हादसों में 8 की मौत 18 घायल हुए हैं।
जबकि 2022 में 6 हादसों में 5 की मौत और 6 घायल हुए हैं।
पौड़ी में 21 फीसदी हादसे घटे हैं। लेकिन मृतक और घायलों की संख्या बढ़ती है।
विश्वभर में हर साल 13 लाख, भारत में डेढ़ लाख और उत्तराखंड में एक हजार लोग सड़क हादसों में
जान गंवा रहे हैं, जो चिंताजनक है। भारत सरकार ने 2030 तक सड़क हादसे जीरो करने का लक्ष्य रखा है।
पुलिस इस दिशा में काम कर रही है, लेकिन इसमें जनसहयोग की जरूरत भी है।
सभी ट्रैफिक नियमों शत प्रतिशत का पालन करना होगा। पुलिस निरंतर हादसों के
कारणों को तलाश कर उनका निदान करने का काम भी कर रही है।
-मुख्तार मोहसिन, निदेशक, यातायात उत्तराखंड
हादसे के रोकने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। देहरादून जिले में 70 फीसदी से ज्यादा हादसे ओवर स्पीड और गलत
दिशा में वाहन चलाने के कारण हैं। हमने इन्हीं अभियोगों में ज्यादा चालान किए हैं।
दुर्घटना के कारक अभियोगों में 15 हजार 493 लोगों के चालान किए हैं।
जबकि हेलमेट और सीट बेल्ट नहीं पहनने पर 21 हजार से ज्यादा चालान किए हैं।
शैलेश तिवारी, आरटीओ (प्रवर्तन), देहरादून