Helicopter crash:खराब मौसम में उड़ान भरने पर दो पायलटों के लाइसेंस सस्पेंड,आर्यन एविएशन की सेवाएं बंद
Helicopter crash: उत्तराखंड में चार धाम यात्रा के दौरान हेलिकॉप्टर सेवाओं में सुरक्षा नियमों की अनदेखी का गंभीर मामला सामने आया है।
रविवार सुबह गौरीकुंड के पास हुए एक दुखद हेलिकॉप्टर हादसे में आर्यन एविएशन के बेल 407 (VT-BKA) हेलिकॉप्टर के क्रैश होने से पायलट सहित सात लोगों की मौत हो गई।
इस घटना के बाद राज्य सरकार ने चार धाम यात्रा के लिए सभी हेलिकॉप्टर सेवाओं को अगले आदेश तक रोक दिया है।
हादसे का कारण: खराब मौसम और संभावित CFIT
प्रारंभिक जांच के अनुसार, हादसे का कारण खराब मौसम और कम दृश्यता हो सकता है, जिसे कंट्रोल्ड फ्लाइट इनटू टेरेन (CFIT) के रूप में देखा जा रहा है।
CFIT तब होता है, जब पूरी तरह कार्यात्मक हेलिकॉप्टर पायलट के नियंत्रण में होने के बावजूद अनजाने में या जानबूझकर जमीन या अन्य बाधा से टकरा जाता है।
अधिकारियों के अनुसार, हेलिकॉप्टर घने बादलों और खराब दृश्यता के बीच उड़ान भर रहा था। हादसे की विस्तृत जांच के लिए एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
हेलिकॉप्टर का विवरण और समयरेखा
आर्यन एविएशन का यह हेलिकॉप्टर केदारनाथ धाम से गुप्तकाशी की ओर जा रहा था।
हेलिकॉप्टर ने सुबह 5:10 बजे गुप्तकाशी से उड़ान भरी और 5:18 बजे केदारनाथ हेलीपैड पर लैंड किया।
इसके बाद, 5:19 बजे यात्रियों को लेकर गुप्तकाशी के लिए दोबारा उड़ान भरी, लेकिन 5:30 से 5:45 के बीच गौरीकुंड के जंगलों में क्रैश हो गया।
हेलिकॉप्टर में पायलट कैप्टन राजबीर सिंह चौहान, बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के कर्मचारी विक्रम रावत, और पांच अन्य यात्री, जिनमें एक 23 महीने की बच्ची शामिल थी, सवार थे।
पायलटों के लाइसेंस सस्पेंड
हादसे के बाद जांच में सामने आया कि खराब मौसम में उड़ान भरने की घटनाएं बार-बार हो रही हैं।
ट्रांसभारत एविएशन के दो पायलटों, कैप्टन योगेश ग्रेवाल और कैप्टन जितेंद्र हरजाई, के लाइसेंस को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया गया है।
दोनों पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर खराब मौसम में हेलिकॉप्टर उड़ाकर यात्रियों की जान को खतरे में डाला। केंद्रीय नागर विमानन मंत्रालय ने कहा कि ट्रांसभारत एविएशन के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
सरकार का सख्त रुख
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे को गंभीरता से लेते हुए उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
उन्होंने हेलिकॉप्टर सेवाओं के लिए सख्त मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करने और उड़ान से पहले हेलिकॉप्टर की तकनीकी स्थिति व मौसम की सटीक जानकारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
साथ ही, 15 और 16 जून के लिए सभी चार धाम हेलिकॉप्टर सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं।
उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलपमेंट अथॉरिटी (UCADA) को सभी ऑपरेटरों और पायलटों के साथ बैठक कर सुरक्षा प्रोटोकॉल की समीक्षा करने का आदेश दिया गया है।
बचाव कार्य और प्रभाव
हादसे की सूचना मिलते ही SDRF, NDRF, और स्थानीय प्रशासन की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुट गईं।
घटनास्थल दुर्गम जंगल क्षेत्र होने के कारण बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण रहा। मृतकों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, और गुजरात के यात्री शामिल थे।
इस हादसे ने चार धाम यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं, खासकर तब जब हाल के महीनों में हेलिकॉप्टर हादसों की संख्या में वृद्धि देखी गई है।