भीषण आपदा में बकरी बनी जीवनरक्षक, डूबते शख्स को दिया सहारा

Date:

spot_img
spot_img

Date:

spot_img
spot_img

भीषण आपदा में बकरी बनी जीवनरक्षक, डूबते शख्स को दिया सहारा

Disaster: बागेश्वर जिले के कपकोट तहसील के पौंसारी गांव के खाईजर में गुरुवार रात करीब डेढ़ बजे भारी बारिश के कारण आई भीषण आपदा ने रमेश जोशी और पूरन जोशी के परिवार को उजाड़ दिया।

अतिवृष्टि के चलते मलबा आने से दोनों के मकान और गोशाला पूरी तरह बह गए, जिससे अब वहां मकानों का नामोनिशान तक नहीं बचा।

- Advertisement -
- Advertisement -

इस त्रासदी में रमेश जोशी की पत्नी की मौत हो गई, उनका एक पुत्र सुमित लापता है, जबकि 14 वर्षीय पुत्र पवन चमत्कारिक ढंग से बच गया।

पवन का चमत्कारी बचाव

आपदा के दौरान पवन मकान और गोशाला के साथ मलबे में बह गया था। वह बकरियों के झुंड के साथ करीब 100 मीटर तक बहा और एक बकरी के साथ छिटककर रिंगाल की झाड़ी में फंस गया।

पूरी रात वह उसी झाड़ी में बकरी के साथ चिपककर फंसा रहा। शुक्रवार सुबह गांव के देवराम की नजर उस पर पड़ी। उन्होंने हिम्मत दिखाकर पवन को झाड़ी से सुरक्षित बाहर निकाला।

इस दौरान रातभर पवन के साथ रही बकरी ग्रामीणों को देखकर डर गई और नदी में कूदकर बह गई। पवन को गांव में प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

पूर्व शिक्षक देवीदत्त पांडे ने इसे चमत्कार बताते हुए कहा कि इतनी भीषण आपदा में पवन का बचना किसी cs से कम नहीं है।

परिवार पर टूटी विपत्ति

रमेश जोशी पशुपालन और यजमानी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे। इस आपदा ने उनके खुशहाल परिवार को तहस-नहस कर दिया। उनकी पत्नी की मौत और पुत्र सुमित के लापता होने से परिवार सदमे में है।

रमेश के तीन पुत्रों में सबसे बड़ा बेटा गणेश दिल्ली में एक निजी कंपनी में नौकरी करता है। घटना की सूचना मिलते ही वह घर के लिए रवाना हो गया। अब परिवार की पूरी जिम्मेदारी गणेश पर होगी, जो अपने छोटे भाई पवन का सहारा बनेगा।

प्रशासन का राहत कार्य

घटना के बाद स्थानीय विधायक, डीएम, और एसपी मौके पर पहुंचे। डीएम ने बताया कि पौंसारी गांव में राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को तत्काल सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है।

कहावत चरितार्थ

इस त्रासदी में 14 वर्षीय पवन का बचना कहावत “जाको राखे साइयां, मार सके न कोय” को सार्थक करता है। ग्रामीणों और प्रशासन की तत्परता ने पवन की जान बचाई, लेकिन इस आपदा ने क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की तैयारियों पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं।

(स्रोत: स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार )

 

Share This:
Ajay Sharmahttps://computersjagat.com
Indian Journalist. Resident of Kushinagar district (UP). Editor in Chief of Computer Jagat daily and fortnightly newspaper. Contact via mail computerjagat.news@gmail.com

Most Popular

More like this
Related

बिजली समस्याओं को लेकर ग्रामीणों का विद्युत विभाग कार्यालय पर किया प्रदर्शन

बिजली समस्याओं को लेकर ग्रामीणों का विद्युत विभाग कार्यालय...

यातायात व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए गए कई अहम फैसले

यातायात व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए गए कई अहम...