PMAY :सीएम योगी ने दिया आदेश,उत्तर प्रदेश के इन लोगों को अब जल्‍द सस्‍ते दामों में म‍िलेगा अपना घर

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PMAY :सीएम योगी ने दिया आदेश,उत्तर प्रदेश के इन लोगों को अब जल्‍द सस्‍ते दामों में म‍िलेगा अपना घर

PMAY: ( कम्प्यूटर जगत ) उत्तर प्रदेश अब प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 योजना के तहत जल्द ही किफायती आवासों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी।

योजना के पात्रों की पात्रता, चयन और आवासों के निर्माण को लेकर जरूरी दिशा निर्देश शासन ने जारी कर दिए हैं।

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इस योजना से दुर्बल आय वर्ग/निम्न आय वर्ग और मध्यम आय वर्ग के गरीब एवं मध्य वर्गीय परिवारों को शहरी क्षेत्रों में किफायती दरों पर आवास निर्माण, क्रय व किराये पर लेने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।

लाभार्थी आधारित निर्माण (बीएलसी) योजना और किफायती आवास (एएचपी) योजना में वरिष्ठ नागरिकों को 30 हजार रुपये और विधवा व परित्यकता के कारण एकल महिलाओं को 20 हजार रुपये का विशेष अनुदान दिया जाएगा।

बीएलसी योजना में 12 माह या उससे कम समय में आवास पूर्ण करने वाले लाभार्थी को 10 हजार रुपये की पुरस्कार की अतिरिक्त धनराशि दी जाएगी।

योजना को चार घटकों में क‍िया गया है व‍िभाज‍ित

प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 को चार घटकों में विभाजित किया गया है।

लाभार्थी आधारित निर्माण (बीएलसी) योजना के अंतर्गत ईडब्ल्यूएस श्रेणी के पात्र परिवारों को उनकी 30 से 45 वर्गमीटर की भूमि पर नए पक्के आवासों के निर्माण के लिए केंद्रीयत सहायता 1.50 लाख रुपये और राज्य सरकार की सहायता एक लाख रुपये दी जाएगी।

इसे लाभार्थी को 40:40:20 के अनुपात में तीन किस्तों में दिया जाएगा। आवास के निर्माण की शेष लागत लाभार्थी वहन करेंगे।

क‍िसे म‍िलेगा 10 हजार रुपये पुरस्कार?

इस योजना में 12 माह या उससे कम समय में आवास पूर्ण करने वाले लाभार्थी को 10 हजार रुपये पुरस्कार की अतिरिक्त धनराशि दी जाएगी।

इसी तरह भागीदारी में किफायती आवास (एएचपी) योजना में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लाभार्थियों के लिए सार्वजनिक/निजी संस्थाएं 30-45 वर्ग मीटर क्षेत्रफल के किफायती आवासों का निर्माण करेंगी।

प्रति आवास इकाई पर 2.50 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। इसमें केंद्र की ओर से 1.50 लाख रुपये और राज्य सरकार एक लाख रुपये सब्सिडी देगी।

तीन क‍िस्‍तों में जारी की जाएगी केंद्रीय सहायता

केंद्रीय सहायता 40:40:20 के अनुपात में तीन किस्तों में जारी की जाएगी। राज्य सरकार एएचपी योजना में राज्य के मैचिंग शेयर के रूप में अपना अंशदान प्रदान करेगी।

यदि लाभार्थी निजी परियोजनाओं में आवास खरीदता है, तो उसको रिडीमेबल हाउसिंग वाउचर (आरएचवी) के रूप में केंद्रीय सहायता प्रदान की जाएगी।

एएचपी घटक के अंतर्गत परियोजना में केवल ईडब्ल्यूएस आवास या विभिन्न श्रेणियों के आवासों का मिश्रण हो सकता है,

लेकिन यह वित्तीय सहायता के लिए तभी पात्र होगी, जब परियोजना में न्यूनतम 25 प्रतिशत आवास ईडब्ल्यूएस श्रेणी के हों और एक परियोजना में न्यूनतम 100 आवास निर्मित किये जाएं।

नवीन निर्माण तकनीकों का उपयोग करने वाली एएचपी परियोजनाओं को 30 वर्ग मीटर कारपेट क्षेत्र तक प्रति आवास एक हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से प्रौद्योगिकी नवाचार अनुदान (टीआइजी) केंद्रांश के रूप में प्रदान किया जाएगा,

जिसके सापेक्ष 60:40 के अनुपात में राज्य सरकार 667 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से अनुदान प्रदान करेगी। टीआइजी केवल उन परियोजनाओं के लिए लागू होगा,

जो नवीन और वैकल्पिक तकनीकों का उपयोग करेगी। सभी वैधानिक अनुमोदन प्राप्त परियोजनाओं को 18 से 24 महीनों के भीतर पूरा करना होगा।

इस योजना में शहरी स्थानीय निकाय या सार्वजनिक भूमि पर स्थित जीर्णशीर्ण स्थिति वाले स्लम के पुनर्विकास का प्रस्ताव भी बनाया जा सकेगा।

इसके तहत मौजूदा स्लम को तोड़कर सभी बुनियादी सुविधाओं और सामाजिक बुनियादी ढांचे के साथ बहुमंजिला इमारत के रूप में पुनर्विकास किया जाएगा।

इसी तरह अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग (एआरएच) योजना से शहरी प्रवासियों/बेघर / निराश्रित/औद्योगिक श्रमिकों/कामकाजी महिलाओं/निर्माण श्रमिकों/छात्रों सहित ईडब्ल्यूएस/एलआइजी लाभार्थियों के लिए किफायती किराये के आवास को बढ़ावा दिया जाएगा।

इस योजना को दो मॉडल में लागू किया जाएगा। पहला निकायों में वर्तमान सरकारी वित्तपोषित रिक्त आवासों को सार्वजनिक-निजी भागीदारी या सार्वजनिक एजेंसियों से एआरएच में परिवर्तित करके उनका उपयोग किया जा सकता है।

वहीं, दूसरा माडल निजी या सार्वजनिक संस्थाओं की भूमि पर किराये के आवास का निर्माण, संचालन और रखरखाव का होगा।

एआरएच में टीआइजी के रूप में 60:40 के अनुपात में केंद्र सरकार तीन हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर और राज्य सरकार दो हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से अनुदान देगी।

ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस) योजना में ईडब्ल्यूएस/एलआइजी और एमआइजी के लाभार्थी 35 लाख रुपये तक के आवास मूल्य के लिए 25 लाख रुपये तक का ऋण लेते हैं,

वे 12 वर्ष की अवधि तक पहले 8 लाख के ऋण पर चार प्रतिशत ब्याज की सब्सिडी के लिए पात्र होंगे।

शुद्ध वर्तमान मूल्य गणना के आधार पर पात्र लाभार्थियों को पांच वार्षिक किस्तों में अधिकतम 1.80 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी।

ये हैं न‍ियम

इस योजना के तहत ईडब्ल्यूएस/एलआइजी और एमआइजी के लिए आवासों का कारपेट एरिया अधिकतम 120 वर्ग मीटर तक का होगा।

पीएम आवास योजना- शहरी 2.0 के अंतर्गत बने या आवंटित आवास परिवार की महिला मुखिया के नाम पर या पति और पत्नी दोनों के नाम पर संयुक्त रूप से होगा।

यदि परिवार में कोई महिला व्यस्क सदस्य नहीं है तो आवास परिवार के पुरुष सदस्य के नाम पर होगा।

सलाना क‍ितनी होनी चाह‍िए आय?

इस योजना के लिए सालाना तीन लाख रुपये की की आय वाले परिवार दुर्बल आय वर्ग में, तीन से छह लाख रुपये की आय वाला परिवार निम्न आय वर्ग में और छह से नौ लाख रुपये तक की आय वाला परिवार मध्यम आय वर्ग में शामिल किया जाएगा।

जिला स्तर पर पात्रों के चयन के लिए कमेटी बनेगी जिसमें जिलाधिकारी या नगर आयुक्त अध्यक्ष होंगे।

गैर नगर निगम क्षेत्र में अधिशासी अधिकारी और नगर निगम के क्षेत्र में अध्यक्ष की ओर से मनोनीत व्यक्ति और परियोजना अधिकारी सदस्य होंगे।

आवास पूर्ण होने के पांच वर्ष तक लाक इन समय होगा। लाभार्थी उसे बेच नहीं सकेंगे।

 

 

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Ajay Sharmahttps://computersjagat.com
Indian Journalist. Resident of Kushinagar district (UP). Editor in Chief of Computer Jagat daily and fortnightly newspaper. Contact via mail computerjagat.news@gmail.com

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