Instruction: फरियादी परेशान हुए तो अफसर जिम्मेदार,प्रमाण पत्रों को लेकर सीएम योगी ने दिया सख्त निर्देश
Instruction: सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के अधिकारियों को दो टूक संदेश दिया है।
उन्होंने कहा है कि थानों और तहसीलों में आने वाले फरियादियों की शिकायतों की गंभीरतापूर्वक सुनवाई करें। जांच करने के बाद उनके मामलों का सही तरीके से निस्तारण करें।
फरियादियों के परेशान होने पर इसके लिए सीधे तौर पर अफसर जिम्मेदार होंगे।
सीएम ने आय, जाति और निवास जैसे प्रमाण-पत्र हासिल करने में आम लोगों को आने वाली दिक्कतों को खत्म करने का आदेश (Instruction) दिया है।
उन्होंने कहा कि इन प्रमाण पत्रों को जारी करने में किसी को परेशान न किया जाए।
सीएम ने कहा है कि भारत सरकार के नोटिफिकेशन के अनुसार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग के प्रमाण-पत्र जारी किए जाएं।
गोंड जाति से संबंधित जारी होने वाले जाति प्रमाण-पत्र को विशेष रूप से देखा जाए।
नियम और कानून के मुताबिक उनकी समस्याओं का समाधान हो
आजमगढ़ स्थित कलक्ट्रेट सभागार में सोमवार को मंडलीय समीक्षा बैठक के दौरान सीएम ने कहा कि तहसीलों में लोगों के काम न करने वाले लेखपाल, कानूनगो और एसडीएम के खिलाफ जिलाधिकारी कार्रवाई करें।
उनके कार्यों की निगरानी करें। यह ध्यान रखा जाए कि किसी भी फरियादी को अनावश्यक परेशानी न उठानी पड़े।
नियम और कानून के मुताबिक उनकी समस्याओं का समाधान हो।
मंडल के आजमगढ़, मऊ और बलिया जिले के विकास कार्यों और कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए योगी ने कहा कि अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने शहर के पास स्थित हरिहरपुर गांव में बन रहे संगीत महाविद्यालय का जायजा लिया।
कार्यदायी संस्था के अफसरों से उन्होंने निर्माण कार्यों की प्रगति के बारे में पूछा।
तीन महीने में खत्म करें राजस्व वाद
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राजस्व से संबंधित कोई भी आवेदन 45 दिन से अधिक लंबित नहीं रहना चाहिए।
धारा 67, धारा 80, धारा 34 आदि के वाद जो एक से 5 वर्ष से लंबित हैं,
उन्हें अभियान चलाकर अगले तीन माह के अंदर समाप्त करें।
कलक्ट्रेट में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान सीएम ने कहा कि पैमाइश के मामले समयसीमा के अंदर निस्तारित करें।
उन्होंने तीनों जिलों के जिलाधिकारी को प्रत्येक वाद को स्वयं देखने एवं निस्तारित कराने के निर्देश (Instruction) दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तहसीलों से आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र निर्धारित समय सीमा के भीतर जारी किए जाएं।
भारत सरकार के नोटिफिकेशन के अनुसार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग का प्रमाण पत्र जारी करें।
गोंड़ जाति से संबंधित जाति प्रमाण पत्र को विशेष रूप से देखा जाए। सड़कों, पटरियों एवं नालों को अतिक्रमण मुक्त किया जाए।
सड़क किनारे पटरियों पर दुकान लगाने वाले रेहड़ी दुकानदारों के लिए अलग से जगह चिह्नित की जाए।
प्रत्येक 3 माह पर रोजगार मेले का आयोजन अवश्य कराया जाए
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने संभावित बाढ़ क्षेत्र में बाढ़ चौकियों की स्थापना, पर्याप्त नाव और पेट्रोमैक्स आदि की व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए।
सेवायोजन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रत्येक 3 माह पर रोजगार मेले का आयोजन अवश्य कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने मुख्य चिकित्साधिकारियों को सभी पीएचसी एवं सीएचसी में जन आरोग्य मेला लगाने के लिए निर्देशित किया।
कहा कि हर दिन अफसर समय से कार्यालय में बैठें और जनता की शिकायतों की सुनवाई करते हुए निर्धारित समय सीमा में उनका निस्तारण करें।
मंडल के तीनों जिलाधिकारियों से कहा कि मिशन मोड में कार्य किया जाए।
विकास कार्यों की समीक्षा के लिए प्रशासनिक स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी नामित करें।
नोडल अधिकारी प्रत्येक सप्ताह विकास कार्यों का निरीक्षण करें।
पशु आश्रय स्थलों पर हो पर्याप्त चारे की व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने तीनों जिले के पशु चिकित्साधिकारियों को पशुओं के टीकाकरण और ईयर टैगिंग करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंश संरक्षण के लिए गोचर भूमि पर हरे चारे की बुवाई कराएं।
इसके साथ ही पशु आश्रय स्थलों में साफ पानी, भूसा और सफाई की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पशुओं का टीकाकरण करने के साथ ही पशु चिकित्साधिकारी नियमित रूप से गोआश्रय स्थलों का भ्रमण करें।
कोई घटना प्रकाश में आए तो तस्करों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करें।
सीएम ने डीएम को आजमगढ़ के मेंहनगर में स्थित पशु आश्रय में मवेशियों की मौत के बारे में जांच रिपोर्ट देने के निर्देश (Instruction) दिए।
परियोजनाओं की निगरानी नोडल अफसर से कराएं
सीएम ने कहा कि बड़ी परियोजनाओं की नियमित रूप से निगरानी की जाए।
हर परियोजना के लिए अलग नोडल अधिकारी नियुक्त करें। उनसे हर सप्ताह प्रगति रिपोर्ट ली जाए।
वरिष्ठ अधिकारी हर 15 दिन पर परियोजनाओं की समीक्षा करें।
उन्होंने कहा कि सभी परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जाए।
गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए। कोई परियोजना लेट नहीं होनी चाहिए।