High Court: हाईकोर्ट ने संविदा कर्मियों की हटाने की प्रक्रिया रोकी,सरकार से जवाब मांगा
High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार की मातृ वंदना योजना के तहत फिरोजाबाद में संविदा पर कार्यरत दो कर्मचारियों, जिला कार्यक्रम सहायक और जिला कार्यक्रम समन्वयक, को पद से हटाने पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने इन कर्मचारियों को वेतन भुगतान जारी रखने और बकाया वेतन का भुगतान करने का निर्देश दिया है। साथ ही, राज्य सरकार से इस मामले में जवाब तलब किया है।
न्यायमूर्ति अजित कुमार ने अंबिका प्रसाद पांडे और एक अन्य की याचिका पर यह आदेश सुनाया। याचियों के अधिवक्ता ओपीएस राठौर ने तर्क दिया कि मातृ वंदना योजना पहले स्वास्थ्य विभाग के अधीन थी, जहां याची संविदा पर नियुक्त थे।
बाद में योजना को बाल कल्याण और पुष्टाहार विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया, और याचियों को डेटा इंट्री ऑपरेटर व फाइनेंशियल लिट्रेसी स्पेशियलिस्ट के पदों पर समायोजित किया गया।
विवाद तब शुरू हुआ जब 31 जनवरी को निदेशक, बाल कल्याण ने इन पदों पर आउटसोर्सिंग के जरिए नियुक्ति का आदेश जारी किया और इसे जेम पोर्टल पर लिस्ट कर दिया।।
अधिवक्ता ने बताया कि निदेशक ने 17 अक्टूबर 2023 के अपने ही आदेश में इन पदों पर पहले से कार्यरत संविदा कर्मचारियों को समायोजित करने का निर्देश दिया था।
प्रदेश सरकार ने तर्क दिया कि केंद्र सरकार ने योजना के संचालन के लिए नई नियुक्तियों का निर्देश दिया है।
हालांकि, कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार का निर्देश योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए है, न कि मौजूदा कर्मचारियों को हटाने के लिए। कोर्ट ने कर्मचारियों को हटाने पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है।