सरकारी Lawyer की नियुक्ति में सरकार के जवाब से हाईकोर्ट नाराज, पूछा- क्या लंबा खींचना चाहते हैं केस?
lawyer: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सरकारी अधिवक्ताओं की नियुक्ति में पारदर्शिता की मांग को लेकर
दाखिल जनहित याचिका पर राज्य सरकार की ओर से संक्षिप्त प्रति शपथ पत्र दाखिल करने पर
कड़ी नाराजगी जताई है। शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने सरकार के रवैये पर टिप्पणी करते हुए
कहा कि क्या सरकार केस को लंबा खींचने के लिए ऐसा कर रही है। मामले की अगली सुनवाई 7 दिसम्बर को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की खंडपीठ ने स्थानीय
अधिवक्ता (lawyer) रमा शंकर तिवारी व अन्य की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया।
न्यायालय ने कहा कि जब सरकार को याचिका पर विस्तृत जवाब दाखिल करने का मौका दिया गया था
तो फिर संक्षिप्त प्रति शपथ पत्र क्यों दाखिल किया गया। न्यायालय ने अगले दो सप्ताह में सरकार को
याचिका पर विस्तृत प्रति शपथ पत्र दाखिल करने का आदेश दिया है। याचिका में मांग की गई है
कि सरकारी अधिवक्ताओं (lawyer) की नियुक्ति में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार को आदेश दिए जाएं।
याचिका में यह भी कहा गया है कि जब तक सरकार पारदर्शिता सम्बंधी नियम नहीं बनाती
तब तक अगली नियुक्तियों पर रोक लगा दी जाए। हालांकि, न्यायालय ने पूर्व में ही सुनवाई में
ही यह स्पष्ट कर दिया था कि वह नियुक्तियों पर कोई रोक नहीं लगा रही है।