car lawyer:वकील की कार की इंटर लॉकिंग करने का मामला, भड़के वकीलों ने जताया विरोध
car lawyer: शहर की यातायात और पार्किंग व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए डिप्टी मनीष चौधरी की और से चलाए
जा रहे अभियान के दौरान सोमवार को यातायात प्रभारी परमेश्वर की और से सिटी थाने के बाहर
खड़ी एक वकील की कार इंटर लॉकिंग करने के मामले ने तूल पकड़ लिया.
वकील की कार (car lawyer) की इंटरलॉकिंग करने की जानकारी मिलते ही बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों तथा
वकील साथियों ने न्यायालय परिसर के सामने रास्ता जाम कर विरोध-प्रदर्शन किया.
इस दौरान वकीलों ने न्यायालय परिसर का मेन गेट भी बंद कर दिया.
विरोध प्रदर्शन के दौरान वकील यातायात प्रभारी द्वारा वकील की कार की इंटर लॉकिंग करने का विरोध करते हुए
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चालान को निरस्त करने की मांग कर रहे थे. इस दौरान सभी वकील
साथी पुलिस प्रशासन के खिलाफ भी हाय-हाय के नारे लगा रहे थे.
इस दौरान लंच पर घर जा रहे डिप्टी मनीष चौधरी को वकीलों ने घेर लिया.
इस दौरान डिप्टी चौधरी अभिभाषक संघ कार्यालय पहुंचे और वकीलों से बातचीत की.
बातचीत के दौरान वकीलों ने बताया कि वकीलों का दिन में कई बार थाने आने-जाने का काम रहता है.
इस दौरान उनके वाहन थाने के बाहर ही खड़े होते हैं. अगर ऐसे में दिनभर में जुर्माना किया जाएगा को कैसे बात बनेगी.
वार्ता के दौरान डिप्टी चौधरी ने वकीलों की बात पर सहमति जताते हुए
भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुर्नरावृति नहीं होने का आश्वासन दिया.
इस दौरान न्यायालय परिसर की पार्किंग व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए यहां पर भी एक होमगार्ड का जवान तैनात
करने पर सहमति बनी. जानकारी के अनुसार ब्यावर संघ सदस्य एडवोकेट इजरायल सोमवार सुबह किसी काम से
सिटी थाने गए थे. इस दौरान वे अपनी कार थाने के बाहर ही खड़ी कर भीतर गए थे.
इस दौरान वहां ड्यूटी पर तैनात यातायात प्रभारी परमेश्वर ने कार की इंटर लॉकिंग कर दी.
इस दौरान जब वकील इजरायल थाने से बाहर आए तो यातायात प्रभारी ने उनका चालान बना दिया.
इस पर दोनों मे कहासुनी हो गई. थाने से न्यायालय पहुंचे एडवोकेट इजरायल ने साथी वकीलों को घटनाक्रम से
अवगत कराया तो सभी ने इसका विरोध करते हुए न्यायालय परिसर के बाहर रास्ता जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया.
बार एसोसिएशन अध्यक्ष हनुमानसिंह राठौड़ ने बताया कि वकील साथी की कार के चालान को लेकर
पुलिस के साथ विावद हो गया था. विवाद को लेकर सौहार्दपूर्ण वातावरण में सहायक पुलिस अधीक्षक से वार्ता
की गई जिसमें चालान को निरस्त करने की कार्रवाई को अंजाम दिया गया. जिसके बाद विवाद खत्म हो गया.