Monsoon :अक्टूबर में जमकर हुई बारिश, कब तक मिलेगी मानसून से राहत, पढ़ें लेटेस्ट अपडेट

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Monsoon :अक्टूबर में जमकर हुई बारिश, कब तक मिलेगी मानसून से राहत, पढ़ें लेटेस्ट अपडेट

Monsoon : राजधानी दिल्ली, उत्तर भारत के कई अन्य हिस्सों और उत्तर-पश्चिम भारत के विभिन्न इलाकों में पिछले

कुछ दिनों में हुई बारिश की मुख्य वजह ‘आंधी-तूफान’ था. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के वरिष्ठ मौसम

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वैज्ञानिक केएस होसालिकर ने कहा कि यह अध्ययन का विषय है कि

इस परिस्थिति का निर्माण जलवायु परिवर्तन या फिर किसी अन्य कारणों से हुआ है.

उनका कहना है कि देश के कई हिस्सों में अब भी मानसून की विदाई नहीं हुई है.

दक्षिणी पश्चिमी मानसून(Monsoon ) की उत्तर पश्चिम और मध्य भारत के कुछ

और हिस्सों से अगले 3-4 दिन में विदाई के अनुकूल स्थितियां बनेंगी.

आईएमडी पुणे के प्रमुख होसालिकर ने यह भी कहा कि अक्टूबर में हुई

बारिश की गिनती मानसून (Monsoon) के वार्षिक आंकड़ों में नहीं होगी, क्योंकि आंकड़ों के लिए 1 जून से 30 सितंबर

की अवधि के बीच हुई बारिश को शामिल किया जाता है. उल्लेखनीय है कि दिल्ली में अक्टूबर के शुरुआती 10 दिनों

में 121.7 मिलीमीटर (मिमी) बारिश दर्ज की गई, जो पिछले 16 सालों में दूसरा सर्वोच्च रिकॉर्ड है.

इस महीने अब तक हुई बारिश अगस्त में दर्ज की गई बारिश (41.6 मिमी) से करीब तीन गुना अधिक है.

जानें दिल्ली में हुई कितनी बारिश

राष्ट्रीय राजधानी में पिछले साल अक्टूबर महीने में 122.5 मिमी बारिश दर्ज की गई थी.

आमतौर पर, अक्टूबर में 28 मिमी बारिश हुआ करती है. दिल्ली में 2020, 2018 और 2017 में अक्टूबर के महीने में

बारिश नहीं हुई थी और 2019 में इस महीने 47.3 मिमी बारिश दर्ज की गई थी.

मौसम में आए बदलाव और अक्टूबर में अब तक हुई बारिश के बारे में पूछे जाने पर

होसालिकर ने कहा, ‘अभी भी देश के कई हिस्सों में मानसून की विदाई नहीं हुई है.

मध्य भारत से मानसून की विदाई का पूर्वानुमान 15 से 16 अक्टूबर के करीब का है.

ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हो रहा है. यह पिछले कई सालों से हो रहा है. अभी जो बरसात हुई है

या कुछ जगहों पर हो रही है यह आंधी-तूफान की वजह से है. इससे पहले, पश्चिमी विक्षोभ की स्थिति भी बनी थी.

मौसम के इस मिजाज के पीछे जलवायु परिवर्तन की भूमिका के बारे में पूछे जाने वैज्ञानिक ने कहा कि इसके बहुत सारे

कारक होते हैं और अध्ययन के बाद ही इसके बारे में कोई ठोस जानकारी दी जा सकती है.

उन्होंने बताया कि आईएमडी ने जब देखा कि मानसून के आने और जाने की जो सामान्य तारीख और उसमें हुए

बदलाव का करीब 56 सालों का डेटा इकट्ठा किया और पता किया था कि कौन सी जगह पर

मानसून के आने और जाने में कितने दिन का फर्क आया है. होसालिकर ने बताया

कि जब मानसून के आंकड़ों की बात होती है तो उसके लिए एक जून से 30 सितंबर की अवधि तय की गई है.

उनका कहना है कि दिल्ली और मध्य भारत में पिछले दिनों हुई

बारिश से रविवार को इन क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है.

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Ajay Sharmahttps://computersjagat.com
Indian Journalist. Resident of Kushinagar district (UP). Editor in Chief of Computer Jagat daily and fortnightly newspaper. Contact via mail computerjagat.news@gmail.com

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