Disease: रहस्यमयी बीमारी का कहर: बाल झड़ने के बाद अब नाखून भी गिर रहे
Disease: महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले की शेगांव तहसील में एक रहस्यमयी बीमारी ने लोगों में दहशत फैला दी है।
पहले ‘गंजा वायरस’ के नाम से चर्चित इस बीमारी ने सैकड़ों लोगों के बाल झड़ने की समस्या पैदा की थी, और अब यह नाखूनों को भी प्रभावित कर रही है।
जिले के कई गांवों में लोग अचानक नाखून गिरने की समस्या से जूझ रहे हैं, जिससे स्थानीय समुदाय में भय का माहौल है।
कब और कहां शुरू हुई समस्या?
यह चिंताजनक स्थिति पहली बार दिसंबर 2024 में सामने आई थी, जब शेगांव तहसील के बोंडगांव और आसपास के गांवों में करीब 300 लोगों ने तेजी से बाल झड़ने की शिकायत की थी।
अब, चार महीने बाद, अप्रैल 2025 में, उसी क्षेत्र के लोग नाखूनों की विकृति और उनके गिरने की समस्या का सामना कर रहे हैं।
सबसे अधिक प्रभावित गांवों में बोंडगांव, खटखेर, और भोंगांव शामिल हैं।
बोंडगांव के सरपंच रामेश्वर धारकर ने बताया, “दिसंबर 2024 में अचानक लोगों के बाल झड़ने शुरू हुए थे। अब पिछले चार-पांच दिनों से नाखून भी गिरने लगे हैं।
लोग डरे हुए हैं और हमें समझ नहीं आ रहा कि इसका कारण क्या है।”
स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई
जिला स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और प्रभावित क्षेत्रों में जांच शुरू कर दी है।
स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने हाल ही में गांवों का दौरा किया और रक्त के नमूने एकत्र किए।
बुलढाणा के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अनिल बांकर ने पुष्टि की कि चार गांवों के 29 लोगों में नाखून की विकृति देखी गई है, और कुछ मामलों में नाखून पूरी तरह से अलग हो गए हैं।
डॉ. बांकर ने कहा, “प्रभावित लोगों को प्रारंभिक उपचार दिया गया है और उनकी आगे की जांच शेगांव अस्पताल में की जाएगी।
हम रक्त और अन्य नमूनों के विश्लेषण के आधार पर इस बीमारी के सटीक कारण का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।”
सेलेनियम की अधिकता बनी संभावित कारण
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अमोल गीते के अनुसार, प्रारंभिक जांच में बाल और नाखून झड़ने के पीछे सेलेनियम के उच्च स्तर को संभावित कारण माना जा रहा है।
यह समस्या पहली बार तब सामने आई थी, जब पद्मश्री से सम्मानित चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. हिम्मतराव बावस्कर ने खुलासा किया कि पंजाब और हरियाणा से राशन की दुकानों के माध्यम से आपूर्ति किए गए गेहूं में सेलेनियम की मात्रा स्थानीय गेहूं की तुलना में 600 गुना अधिक थी।
डॉ. बावस्कर, जो अब रायगढ़ जिले के महाड में रहते हैं, ने बताया, “दिसंबर 2024 से जनवरी 2025 के बीच 18 गांवों में 279 लोग इस बीमारी से प्रभावित हुए थे।
जांच में पाया गया कि गेहूं में अत्यधिक सेलेनियम के कारण लोगों में सिरदर्द, बुखार, खुजली, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण देखे गए। अब नाखून गिरने की समस्या भी उसी से जुड़ी हो सकती है।”
लोगों में डर, शादियां टूटीं
इस बीमारी ने न केवल लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित किया है, बल्कि सामाजिक और मनोवैज्ञानिक स्तर पर भी गहरा असर डाला है।
बाल झड़ने की वजह से कई लोगों की शादियां टूट गईं और सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ा।
अब नाखून गिरने की नई समस्या ने लोगों की चिंता को और बढ़ा दिया है।
खास तौर पर युवा महिलाएं और कॉलेज की छात्राएं इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं।
सरकारी राशन पर सवाल
जांच में यह बात सामने आई है कि बुलढाणा एक सूखाग्रस्त क्षेत्र है, जहां लोग सरकारी राशन पर काफी हद तक निर्भर हैं।
लेकिन राशन की दुकानों से मिलने वाले गेहूं की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं।
डॉ. बावस्कर ने बताया कि पंजाब और हरियाणा की मिट्टी में प्राकृतिक रूप से सेलेनियम की मात्रा अधिक होती है,
जिसके कारण वहां का गेहूं भी सेलेनियम युक्त होता है। इस गेहूं का सेवन बंद करने के बाद कुछ लोगों में बाल दोबारा उगने शुरू हुए थे, लेकिन नाखूनों की समस्या ने नया संकट पैदा कर दिया है।
आगे की राह
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे राशन के गेहूं का उपयोग न करें और स्थानीय स्तर पर उगाए गए अनाज का सेवन करें।
साथ ही, प्रभावित लोगों के लिए मुफ्त चिकित्सा शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। सरकार ने इस मामले की गहन जांच के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी भी गठित की है।
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अगले कुछ दिनों में परीक्षण के निर्णायक परिणामों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
तब तक, बुलढाणा के लोग इस रहस्यमयी बीमारी के साये में जीने को मजबूर हैं, और यह सवाल बना हुआ है कि आखिर इस संकट का स्थायी समाधान कब मिलेगा।