lawyer: अदालतों को हर माह 25 पुराने केस निपटाने के आदेश से वकील नाराज
lawyer: अदालतों में लंबित सबसे पुराने प्रकरणों में से 25 प्रकरण का हर माह अनिवार्य रूप से निराकरण करने के
संबंध में जारी हुआ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का प्रशासनिक आदेश वकीलों को रास नहीं आ रहा है।
अभिभाषक संघ ने इस आदेश से न्यायिक गुणवत्ता प्रभावित होना बताते हुए
3 दिन तक कार्य से विरक्त रहकर विरोध दर्ज कराया और शनिवार को ज्ञापन सौंपा।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा प्रशासनिक आदेश जारी कर अदालतों में लंबित पुराने
प्रकरणों में से हर महीने प्रत्येक अदालत को 25 प्रकरणों का निराकरण अनिवार्य रूप से करने के निर्देश जारी किए हैं।
अभिभाषक संघ के अध्यक्ष अजय पाल सिंह जादौन ने बताया कि
न्याय को समय सीमा में नहीं बांधा जा सकता। पुराने प्रकरणों में तत्काल यदि
इस आदेश का पालन करते हुए निराकरण के प्रयास किए गए तो प्रकरण के सभी पक्षों को सुनवाई का
पर्याप्त अवसर नहीं मिल सकेगा, और न्यायिक गुणवत्ता प्रभावित होगी।
अजय पाल सिंह ने बताया कि 23 से 25 फरवरी तक इस आदेश के विरोध में कार्य से दूर रहकर
शुजालपुर के सभी अभिभाषकों ने विरोध दर्ज कराया है। शनिवार को इस आदेश को दोबारा समीक्षा कर
वापस लेने का अनुरोध करते हुए ज्ञापन जिला एवं सत्र न्यायाधीश विपिन लवानिया को सौंपा गया।
ज्ञापन के दौरान जिला सत्र न्यायाधीश हरीश वानवंशी, संजय कुमार भलावी, सोनल शर्मा, विष्णु दुबे, अर्चित दुबे, संघ के
पूर्व अध्यक्ष रमेश चंद राजपूत, रमेश चोपड़ा संघ के सचिव प्रीतम राणा, कोषाध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा सचिव,
सह सचिव अशोक सक्सेना, ग्रंथपाल जीवन बामनिया, अभिभाषक केदार मेवाड़ा,
अतुल मिश्र, मांगीलाल परिहार, सुजाउर रहमान, बृज किशोर परमार,
गोविंद अग्रवाल, महेश गोस्वामी, दिलीप गुर्जर, कुश उपाध्याय,
अनिल बैरागी, गोपाल कुशवाह, देवेंद्र सक्सेना आदि अधिवक्ता उपस्थित रहे।