Expert: महिलाओं से ज्यादा मानसिक तनाव झेल रहे पुरुष, यूपी के विशेषज्ञों ने बताया घातक और कैसे बचें..
Expert: विशेषज्ञ कहते हैं कि तनाव का असर दिमाग और दिल को कमजोर बनाता है।
अगर तनाव अधिक समय तक बना रहे तो धमनियों के कार्य करने की गति कई गुना बढ़ने लगती है।
रक्त का प्रवाह तेज़ी से होने लगता है। जिसका बुरा असर किडनी पर भी पड़ सकता है।
वहीं हार्ट फेल, पैनिक अटैक, हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट होने की संभावनाएं भी कई गुना बढ़ जाती है।
तनाव के चलते अगर रक्तचाप बढ़ने लगता है तब ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी कई गुना बढ़ जाता है।
तनाव से मस्तिष्क के कार्य करने की गति प्रभावित होती है। मानसिक रोग बढ़ जाते हैं।
मेरठ मेडिकल कॉलेज, एचओडी मानसिक रोग विभाग, डॉ. तरुण पाल ने बताया कि कार्यस्थल और
घरेलू परेशानियों के चलते पुरुषों में तनाव अधिक पनपता है। पुरुषों में सहनशीलता भी
महिलाओं की अपेक्षा कम होती है। यही पुरुषों में तनाव बढ़ने की मुख्य वजहें हैं।
तनाव की अधिकता से हायपरटेंशन, हार्ट स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा भी अधिक होता है।
38 फीसदी महिलाएं, 51 फीसदी पुरुष
तनाव का असर महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में अधिक है। रिपोर्ट के मुताबिक तनाव ग्रसित पुरुषों का
आंकड़ा 51 फीसदी है जबकि महिलाओं का 38 फीसदी। विशेषज्ञ बताते हैं
कि पुरुषों में परिवार के साथ ही व्यापार, नौकरी और कार्यस्थल की जिम्मेदारी होती है।
जबकि महिलाओं का एक बड़ा प्रतिशत घर तक ही सीमित रहता है।
आर्थिक जिम्मेदारियों का बोझ भी अधिकतर पुरुषों पर होता है जिससे उनमें तनाव का प्रतिशत अधिक है।