Solar Power: सौर ऊर्जा से रोशन होगा बिहार, देश के सबसे बड़े सोलर बिजली घर के शुभारंभ की तय तारीख
Solar Power: बिहार ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। लखीसराय जिले के कजरा में देश की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा और बैटरी भंडारण प्रणाली आधारित परियोजना समय से पहले तैयार हो गई है।
इस मेगा प्रोजेक्ट को 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन इसे सितंबर 2025 में ही पूरा कर लिया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसी महीने इस परियोजना का उद्घाटन करने वाले हैं।
45.6 मेगावाट बिजली से मिलेगी राहत
कजरा सौर ऊर्जा परियोजना से बिहार को पीक आवर (शाम के समय) में प्रतिदिन 45.6 मेगावाट बिजली चार घंटे तक उपलब्ध होगी।
इससे बिहार को बाजार से अतिरिक्त बिजली खरीदने की जरूरत कम होगी। बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने इस परियोजना के लिए बिजली आपूर्ति की अनुमति दे दी है।
यह परियोजना न केवल बिहार की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
दो चरणों में पूरा होगा प्रोजेक्ट
कंपनी अधिकारियों के अनुसार, कजरा सौर ऊर्जा परियोजना बिहार की पहली और देश की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा आधारित बैटरी भंडारण प्रणाली वाली परियोजनाओं में से एक है।
यह परियोजना 1232 एकड़ जमीन पर दो चरणों में विकसित की जा रही है, जिसमें कुल 301 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन और 495 मेगावाट-घंटा बैटरी भंडारण क्षमता होगी।
पहला चरण: 185 मेगावाट और 254 मेगावाट-घंटा भंडारण
पहले चरण में 689 एकड़ जमीन पर निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इस चरण में 185 मेगावाट (एसी) सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता और 254 मेगावाट-घंटा बैटरी भंडारण प्रणाली स्थापित की गई है।
यह प्रणाली पीक आवर में 45.4 मेगावाट बिजली चार घंटे तक उपलब्ध कराएगी। इस चरण की अनुमानित लागत 1570 करोड़ रुपये है।
परियोजना का कार्यान्वयन लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) द्वारा किया गया है, जो अगले दस वर्षों तक इसके संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी भी संभालेगी।
दूसरा चरण: 116 मेगावाट और 241 मेगावाट-घंटा भंडारण
दूसरे चरण में 400 एकड़ जमीन पर 116 मेगावाट (एसी) सौर ऊर्जा उत्पादन और 241 मेगावाट-घंटा बैटरी भंडारण प्रणाली का निर्माण होगा।
यह प्रणाली पीक आवर में 50.5 मेगावाट बिजली चार घंटे तक उपलब्ध कराएगी। इस चरण की अनुमानित लागत 880.27 करोड़ रुपये है। इस चरण का कार्य भी जल्द पूरा होने की उम्मीद है।
परियोजना की खासियत
कजरा सौर ऊर्जा परियोजना में अत्याधुनिक लिक्विड कूलिंग तकनीक से लैस बैटरी भंडारण प्रणाली का उपयोग किया गया है,
जो उच्च शक्ति घनत्व, सुरक्षा और लंबी आयु सुनिश्चित करती है। यह परियोजना बिहार को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने में मदद करेगी और ग्रिड स्थिरता को बढ़ाएगी।
परियोजना की कुल लागत लगभग 2866.06 करोड़ रुपये है, जिसमें 80% वित्तीय संस्थानों से ऋण और 20% पूंजी निवेश के रूप में प्राप्त किया गया है।
सीएम नीतीश कुमार का विजन
ऊर्जा विभाग के मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि यह परियोजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार की हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के विजन का हिस्सा है।
यह परियोजना न केवल बिहार की बिजली आपूर्ति को मजबूत करेगी, बल्कि जल-जीवन-हरियाली अभियान को भी समर्थन देगी।
परियोजना से स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन और दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा में भी योगदान मिलेगा।
देश के लिए मील का पत्थर
कजरा सौर ऊर्जा परियोजना भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगी।
यह परियोजना बिहार को देश के शीर्ष हरित ऊर्जा राज्यों में शामिल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इसके पूरा होने से बिहार की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में लगभग 44% की वृद्धि होगी।