लगातार 13वें साल देरी से जा रहा Monsoon , कब तक बनी रहेगी बारिश

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लगातार 13वें साल देरी से जा रहा Monsoon , कब तक बनी रहेगी बारिश

monsoon: भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि मॉनसून 17 सितंबर की

सामान्य तिथि से आठ दिन बाद आज देश के पश्चिमी हिस्से से वापस जाना शुरू हो गया है।

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आईएमडी ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 25 सितंबर को राजस्थान के

कुछ हिस्सों से वापस चला गया है। मॉनसून का मौसम आधिकारिक तौर पर 30 सितंबर को समाप्त होता है।

इस बार मॉनसून की देरी का मतलब है कि देश के विभिन्न हिस्सों में बारिश का दौर अक्टूबर में भी जारी रहेगा।

देश में आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मॉनसूनी हवाएं 17 सितंबर के आस-पास उत्तर-पश्चिमी हिस्से से

वापस जाना शुरू कर देती हैं, लेकिन इस सीजन अभी तक मॉनसून की विदाई की कोई

संभावना नहीं नजर आ रही है। इसका मतलब साफ है कि बारिश अक्तूबर तक बढ़ सकती है।

यह लगातार ऐसा 13वां साल है जब मॉनसून की वापसी देरी से हो रही है।

इस सीजन कैसा रहा मॉनसून

आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, इस साल मॉनसूनी बारिश सिर्फ उत्तर-पश्चिम राज्यों में

बारिश ज्यादा रिकॉर्ड की गई है। देश भर में 6% वर्षा कम हुई है।

यह भी पढ़ें :Monsoon फिलहाल विदा लेने के मूड में नहीं, तीन दिन बारिश के आसार

पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में बारिश 17% कम पड़ी। उत्तर पश्चिम भारत में 2% अधिक, मध्य भारत में

1% की कमी और दक्षिण प्रायद्वीप में 9% की कमी के साथ रिकॉर्ड की गई है।

भारत में इस मॉनसून सीजन के दौरान अब तक 796.4 मिमी बारिश हुई है,

जबकि सामान्य बारिश का पैरामीटर 843.2 मिमी है। साफ है कि इस साल बारिश में

छह प्रतिशत की कमी देखी गई। आम तौर पर, चार महीने के मॉनसून सीजन

(जून से सितंबर) के दौरान देश में औसतन 870 मिमी वर्षा होती है।

बारिश का दौर जारी

आमतौर पर, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 1 जून तक केरल में अपनी शुरुआत करता है

और 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है। जबकि, वापसी की बात करें

तो 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटना

शुरू कर देता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है।

उत्तर पश्चिम भारत से मॉनसून का जाना इसकी वापसी की शुरुआत का प्रतीक है।

monsoon की वापसी में किसी भी देरी का मतलब है लंबे समय तक बारिश का मौसम,

जो कृषि उत्पादन पर काफी प्रभाव डाल सकता है, खासकर उत्तर पश्चिम हिस्से के लिए

जहां मानसून की बारिश रबी फसल उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

अगस्त माह ने तोड़े सभी रिकॉर्ड

इस साल अगस्त महीने बहुत कम बारिश रिकॉर्ड हुई। इसने 1901 के बाद से सबसे

शुष्क महीना रिकॉर्ड किया है। पिछले 120 सालों में इस साल अगस्त महीना भारत में

अब तक का सबसे गर्म महीना दर्ज किया गया। मौसम वैज्ञानी मानते हैं

कि इसके पीछे बड़ी वजह अल नीनो है। हालाँकि, कई निम्न दबाव प्रणालियों और

एमजेओ के सकारात्मक चरण के कारण सितंबर में अधिक बारिश रिकॉर्ड हुई।

अल नीनो इंपेक्ट

प्री-मॉनसून ब्रीफिंग में, आईएमडी ने भारत के लिए सामान्य monsoon की भविष्यवाणी की थी,

भले ही यह सामान्य से कम हो। लेकिन आगाह किया था कि अल नीनो – दक्षिण अमेरिका के पास

प्रशांत महासागर में पानी का गर्म होना – दक्षिण पश्चिम monsoon को प्रभावित कर सकता है।

अल नीनो के परिणामस्वरूप भारत में कमजोर मॉनसूनी हवाएं और शुष्क स्थितियाँ उत्पन्न हुई।

 

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Ajay Sharmahttps://computersjagat.com
Indian Journalist. Resident of Kushinagar district (UP). Editor in Chief of Computer Jagat daily and fortnightly newspaper. Contact via mail computerjagat.news@gmail.com

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