सावन में उमड़ती है भीड़ यूपी का वह शिव मंदिर जहां औरंगजेब ने झुकाया था सिर, जानें..
Shiva Mandir : यूपी में निगोहां स्थित लखनऊ की अंतिम सीमा के साथ रायबरेली और उन्नाव को अलग करने वाले बिंदु पर प्राचीन भंवरेश्वर शिव मंदिर स्थित है।
यहां दर्शन करने के लिए अपने राज्य के अलावा बिहार और एमपी में भी बहुत से श्रद्धालुओं की आस्था यहां से जुड़ी है।
मान्यता है कि यहां सच्चे मन से मांगी गई मनोकामनाएं अवश्य पूरी होती हैं। मौजूदा समय श्रावण मास की तैयारियां यहां शुरू हो चुकी हैं।
बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए उमड़ेंगे। बताया जाता है कि औरंगजेब ने माफी मांगी थी।
यह मंदिर तीन जिलों की सीमा पर है। लखनऊ का अंतिम गांव अघैया की सीमा मंदिर की दहलीज पर है।
दूसरी ओर रायबरेली बछरावां का कुर्री सुदौली और उन्नाव के बरेंदा गांव की सीमा है। सईं नदी के तट पर स्थित यह मन्दिर द्वापर युग का बताया जाता है।
मंदिर के पुजारी बताते हैं कि मुगल औरंगजेब के शासन में इस मंदिर को नष्ट करने का प्रयास हुआ।
औरंगजेब ने जैसे ही शिवलिंग के पास खुदाई कराई, हजारों की संख्या में भंवरे (कीट) यहां प्रकट हो गए और सेना पर हमला कर दिया।
भंवरों ने फौज के सैकड़ों सिपाहियों और मजदूरों को काटा। मजबूरी में औरंगजेब की सेना को उल्टे पांव वापस लौटना पड़ा। पुजारी बताते हैं कि बाद में औरंगजेब ने माफी मांगी।
सुदौली के राजा की पत्नी ने कराया जीर्णोद्धार
स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां महाभारत काल में पाण्डवों ने इस मंदिर की स्थापना की थी। अज्ञातवास के दौरान वे यहां नियमित पूजा अर्चना करते थे।
मुगल शासक के बाद अंग्रेजी हुकूमत के दौरान मन्दिर की प्राचीनता जानने के लिए खुदाई का प्रयास हुआ।
जैसे ही प्रयास शुरू हुआ फिर शिवलिंग के आसपास से हजारों भंवरे निकलकर खुदाई करने वालों पर टूट पड़े। ऐसे में अंग्रेजी अफसर भी लौट गए।
बाद में गांव वालों ने शिविलंग की पूजा शुरू कर दी। यह क्षेत्र भंवरेश्वर के नाम से जाना गया।
आगे चलकर सुदौली के राजा रामपाल की पत्नी ने इस मन्दिर का जीर्णोद्धार कराया।
मंदिर के बगल सई नदी का कल कल करता पानी यहां की शोभा बढ़ाता है, तभी तो हर दिन यहां श्रद्धालुओं का मेला लगता है।