शनि की साढ़ेसाती का आखिरी चरण इस राशि पर कब पड़ेगा भारी? करें ये खास उपाय
Shani dev: न्याय देवता शनिदेव किसी भी राशि में करीब ढाई वर्ष तक रहते हैं। शनि के राशि परिवर्तन करने पर किसी राशि पर शनि साढ़ेसाती व ढैय्या समाप्त होती है,
तो किसी राशि पर शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या शुरू होती है। शनि की साढ़ेसाती किसी भी राशि पर साढ़े सात साल तक रहती है।
शनि की साढ़ेसाती के तीन चरण होते हैं। इस समय शनिदेव मीन राशि में विराजमान हैं। शनि के मीन राशि में आने से इस पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है।
जब शनि मेष राशि में गोचर करेंगे तो, मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती का अंतिम या तीसरा चरण प्रारंभ होगा।
शनि की साढ़ेसाती के दौरान कुछ उपायों को करने से शनि कृपा मिलती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
जानें मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती का अंतिम चरण कब शुरू होगा और शनि कृपा पाने के लिए क्या उपाय करना चाहिए।
मीन राशि पर शनि की साढे़साती कब शुरू होगी: शनि 03 जून 2027 को मेष राशि में प्रवेश करेंगे।
शनि के मेष राशि में जाने से मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती का अंतिम चरण प्रारंभ होगा।
08 अगस्त 2029 को मीन राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी।
शनि कृपा के लिए करें उपाय
शनि की साढ़ेसाती के दौरान अशुभ प्रभावों से बचाव के लिए प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। शनिवार के दिन काली चीजों का दान करना चाहिए।
शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाना चाहिए और उसकी परिक्रमा करनी चाहिए।
शनिवार के दिन शनि मंदिर जाकर दर्शन करना चाहिए और शनि मंत्रों का जाप “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” का जाप करना चाहिए।
नोट : इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।