थानेदार का वीडियो वायरल, बजरंग दल से झड़प के बाद दी नौकरी छोड़ने की धमकी
Video viral: उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के कोठीभार थाना परिसर में बजरंग दल कार्यकर्ताओं और थानेदार धर्मेंद्र सिंह के बीच तीखी नोकझोंक का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
हलांकि कम्प्यूटर जगत न्यूज इस विडियो का पुष्टि नहीं करता है। इस दौरान गुस्से में आए थानेदार ने नौकरी छोड़ने की धमकी तक दे डाली और कहा ऐसी नौकरी की ऐसी की तैसी, इस्तीफा देकर चला जाऊंगा। घटना ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है और यह मामला चर्चा का विषय बन गया है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, यह विवाद कोठीभार थाना क्षेत्र के बिसोखोर गांव के एक मंदिर से जुड़ा है, जहां हर तीन साल में धार्मिक कथा और पूजा-पाठ का आयोजन होता है।
मंगलवार को इस आयोजन के लिए चंदा मांगने के दौरान गांव की हरिजन बस्ती में कुछ लोगों के साथ विवाद हो गया। आरोप है कि कुछ लोगों ने न केवल चंदा देने से इनकार किया, बल्कि हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी भी की।
इस बात से नाराज बजरंग दल के कार्यकर्ता कोठीभार थाने पहुंचे और ईसाई मिशनरियों पर धर्मांतरण के लिए हस्तक्षेप करने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।
थानेदार और कार्यकर्ताओं में तीखी नोकझोंक
हंगामे के दौरान थाना परिसर का माहौल तनावपूर्ण हो गया। बजरंग दल कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी बहस छिड़ गई। इस बीच, थानेदार धर्मेंद्र सिंह का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया।
वायरल वीडियो में वह कहते हुए सुने जा सकते हैं, दो मिनट लगेगा सबको सही करने में, इस्तीफा देकर चला जाऊंगा। वीडियो में पुलिस कर्मियों को कार्यकर्ताओं को थाने से बाहर निकालते हुए भी देखा जा सकता है।
पुलिस की कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने धर्मांतरण के आरोपों से जुड़े लोगों के खिलाफ शांति भंग (धारा 151 सीआरपीसी) के तहत चालान की कार्रवाई की है।
साथ ही, अधिकारियों ने थानेदार और कार्यकर्ताओं के बीच शांति बहाल करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। पुलिस ने इस घटना की जांच शुरू कर दी है और वायरल वीडियो की प्रामाणिकता की भी पड़ताल की जा रही है।
स्थानीय प्रतिक्रिया और वायरल वीडियो
घटना के बाद वायरल हुए वीडियो ने स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया पर खूब चर्चा बटोरी है। कई लोग थानेदार के रवैये पर सवाल उठा रहे हैं, तो कुछ बजरंग दल कार्यकर्ताओं के हंगामे को गलत ठहरा रहे हैं।
यह मामला अब प्रशासन और पुलिस के लिए एक चुनौती बन गया है, क्योंकि यह धार्मिक और सामाजिक तनाव को बढ़ा सकता है।