Sugarcane: गन्नाआयुक्त की बैठक मे बुआई केलिए गन्ने की तीन प्रजातिया स्वीकृत
Sugarcane: गन्ना आयुक्त की अध्यक्षता में गठित उत्तर प्रदेश बीज गन्ना एवं गन्ना किस्म स्वीकृति उप समिति लखनऊ की बैठक में बुवाई के लिए तीन प्रजातियाँ को. से. 17451 शीघ्र पकने वाली, को.शा. 19231 शीघ्र पकने वाली, को.लख. 16470 मध्य देर से पकने वाली प्रजातियाँ स्वीकृत किया गया है।
यह जानकारी उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केंद्र पिपराइच गोरखपुर के पूर्व सहायक निदेशक ओम प्रकाश गुप्ता ने दी।
ग्राम बकनहा शिव मंदिर परिसर में किसानों को बताया कि गन्ने की उपज एवं चीनी परता बढ़ाने में गन्ना प्रजातियों की अहम भूमिका है।
पूर्व सहायक निदेशक ने बताया कि गेंदा सिंह गन्ना प्रजनन संस्थान सेवरही कुशीनगर से विकसित प्रजाति को.से. 17451 शीघ्र पकने वाली प्रजाति पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए स्वीकृत किया गया है।
जिसकी उत्पादन क्षमता 880 कुंतल प्रति हेक्टेयर, गन्ना मध्यम मोटा, पेड़ी अच्छा। संस्थान के वैज्ञानिक डॉ के.पी. सिंह व डॉ वी.के. मिश्रा ने पूर्व सहायक निदेशक को शोध प्रक्षेत्र पर यह प्रजाति दिखाया।
दूसरी प्रजाति गन्ना शोध परिषद शाहजहाँपुर से विकसित हुई है को.शा.19231 शीघ्र पकने वाली जो संपूर्ण उत्तर प्रदेश के लिए स्वीकृत है, उत्तर प्रदेश के 45 जिलों में गन्ने की खेती होती है।
तीसरी प्रजाति को.लख.17470 मध्य देर से पकने वाली प्रजाति भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ से स्वीकृत हुई है। जो पूर्व उत्तर प्रदेश के लिए स्वीकृत है।
सेवरही से विकसित प्रजाति को.से.17451 को डॉक्टर कृष्णानंद ने विकसित किया है। जिनकी असामयिक मृत्यु विगत माह में हो गई थी इसलिए इस प्रजाति का नाम कृष्णा रखा गया है।