Story:मनुष्य पृथ्वी पर जन्म लेने के उद्देश्य से भटककर अपनी ही आत्मा से शत्रुता कर रहा है:साध्वी सुबुद्धा भारती
Story: कुशीनगर जनपद के फाजिलनगर के स्थानीय पावानगर महावीर इंटर कालेज में दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा आयोजित पांच दिवसीय संगीतमयी हरि कथामृत के चौथे दिन कथा (Story) सुनाते हुए साध्वी सुबुद्धा भारती ने कहा कि मानव जीवन पाने का एक मात्र उद्देश्य ईश्वर को प्राप्त करना है अनूठा यह जीवन व्यर्थ है।
कथा (Story) सुनाते हुए उन्होंने कहा कि दुर्लभ मानव जीवन का क्या उद्देश्य भोग-विलास का जीवन नहीं है अपितु जीवन का प्रमुख उद्देश्य भगवत प्राप्ति एवं मोक्ष प्राप्त कर जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति पाना है।
मनुष्य को ईश्वर की सर्वोत्तम कृति कहा गया है, मानव जीवन क्षणभंगुर होने के कारण धन, स्त्री, संतान आदि की प्राप्ति ही जीवन का उद्देश्य मान लेता है
लेकिन इनकी प्राप्ति से मनुष्य को क्षणिक सुख भले ही मिल जाए, मगर स्थाई सुख एवं आनंद की प्राप्ति केवल ईश्वर की शरण में परमानंद की प्राप्ति से ही संभव है।
भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को उपदेश देते हुए कहा था
उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत गीता में यह कहा गया है कि मनुष्य शरीर प्राप्त करके भी जो परमात्मा को पाने का प्रयास नहीं करता तथा जीवन रूपी भवसागर को पार करने का प्रयास नहीं कर पाता, वह आत्महंता की तरह है।
भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को उपदेश देते हुए यही कहा है कि मनुष्य को अपने उद्धार के लिए स्वयं प्रयत्नशील होना चाहिए, क्योंकि मनुष्य स्वयं अपना मित्र तथा स्वयं ही अपना शत्रु भी है।
मनुष्य पृथ्वी पर जन्म लेने के उद्देश्य से भटककर अपनी ही आत्मा से शत्रुता कर रहा है। यह सब मनुष्य के बहिर्मुखी होने के कारण हो रहा है,
आज का मनुष्य बाहर की दुनिया की चकाचौंध तो देख रहा है किंतु अपने मन के अंधेरे को नहीं देख पा रहा है।
कथा का शुभारंभ क्षेत्रीय विधायक सुरेन्द्र कुमार कुशवाहा तथा रामकोला विधायक विनय प्रकाश गोंड ने दीप प्रज्वलित व व्यास गद्दी का पूजन कर किया कर कराया।
इस दौरान प्रधानाचार्य डॉ अक्षयवर पाण्डेय, मनंजय तिवारी, जीतेंद्र प्रजापति, दुर्गेश सिंह, रामाधार वर्मा, शेषमुनि गुप्ता आदि उपस्थित थे।