Padma Shri Award: भुलई भाई को मरणोपरांत पद्मश्री सम्मान,जीवनभर निष्ठा और ईमानदारी का दिया उदाहरण
Padma Shri Award: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के श्रीनारायण उर्फ भुलई भाई को मंगलवार को मरणोपरांत पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया।
111 वर्ष की आयु में 31 अक्टूबर 2024 को उनका निधन हो गया था। भुलई भाई ने अपने जीवनकाल में राजनीतिक शुचिता, निष्ठा और समाजसेवा के उच्च मानदंड स्थापित किए, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रेरणादायक बताया।
शिक्षा से राजनीति तक का सफर
कुशीनगर की कप्तानगंज तहसील के पगार छपरा गांव में 1 नवंबर 1914 को जन्मे भुलई भाई ने गोरखपुर के सेंट एंड्रयूज कॉलेज से हाई स्कूल और इंटर की पढ़ाई पूरी की।
इसके बाद गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीएड और एमएड की डिग्री हासिल की। बेसिक शिक्षा अधिकारी के रूप में सेवा शुरू करने के बावजूद, वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और जनसंघ के विचारों से प्रभावित होकर सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में आ गए।
जनसंघ के दो बार विधायक
भुलई भाई 1974 से 1980 तक कुशीनगर की नौरंगिया सीट से जनसंघ के टिकट पर दो बार विधायक रहे। उस समय पूरे देश में जनसंघ के केवल दो विधायक जीते थे, जिनमें भुलई भाई एक थे।
बचपन से ही संघ की शाखाओं से जुड़े रहे और जीवनपर्यंत जनसंघ व बाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्पित कार्यकर्ता बने रहे।
क्रॉस वोटिंग के लिए आए रुपये ठुकराए
भुलई भाई की ईमानदारी की एक मिसाल तब देखने को मिली, जब कांग्रेस सरकार के दौरान क्रॉस वोटिंग के लिए उनके पास रुपये से भरा बैग भेजा गया।
उन्होंने न केवल इसे ठुकराया, बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंचालक माधव राव सदाशिवराव गोलवलकर और नाना जी देशमुख के परामर्श पर वह बैग विधानसभा में ले गए और सभापति के सामने गैलरी में फेंक दिया।यह घटना उनकी निष्ठा और साहस का प्रतीक बन गई।
प्रधानमंत्री मोदी से विशेष आत्मीयता
कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं फोन कर भुलई भाई का हालचाल लिया था। बाद में कुशीनगर दौरे के दौरान पीएम ने उन्हें एयरपोर्ट पर बुलाकर मुलाकात की।
गृहमंत्री अमित शाह ने भी लखनऊ में आयोजित एक कार्यकर्ता सम्मान समारोह में मंच से उतरकर उनका सम्मान किया।
देश के कई बड़े नेताओं ने भुलई भाई से मुलाकात कर उनकी सादगी और समर्पण को सराहा
जीवनभर सिखाया ईमानदारी का पाठ
भुलई भाई ने न केवल स्वयं ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ जीवन जिया, बल्कि अपने बच्चों को भी यही मूल्य सिखाए।
उनके निधन पर सरसंघचालक मोहन भागवत, पीएम मोदी, गृहमंत्री शाह, रक्षामंत्री सिंह और सीएम योगी समेत कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया।
केंद्र सरकार ने उनकी समाजसेवा और राजनीतिक योगदान को देखते हुए मरणोपरांत पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय लिया।
कुशीनगर और पूर्वांचल के लिए गौरव
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा नई दिल्ली में भुलई भाई को मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित किया जाना कुशीनगर और समूचे पूर्वांचल के लिए गर्व का क्षण है।
उनके योगदान को याद करते हुए सीएम योगी ने कहा कि भुलई भाई ने राजनीति को साधना बनाकर समाज के हित में अमूल्य योगदान दिया।