अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट परिसर में न्यायालय के निर्देश पर आठों भवन स्वतः हटाए गए
Encroachment: जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट कुशीनगर के विस्तारीकरण के क्रम में वर्ष 2020 में आई०एल०एस० एवं आई०एफ०आर० लगाने हेतु 30.14 एकड़ अतिरिक्त भूमि ली गयी, जिसमें काश्तकारों की निजी भूमि (भूमिधरी), आबादी श्रेणी-6 (2) एवं अन्य शासकीय भूमि तथा उस पर निर्मित अवसंरचना का नियमानुसार नागरिक उड्डयन विभाग उ०प्र० के पक्ष में लेने के उपरान्त भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण को रकबा 29.88 एकड़ भूमि हस्तान्तरित किया जा चुका है।
एयरपोर्ट कुशीनगर के पक्ष में ली गयी उपरोक्त भूमि में गाटा सं0-1275/0.1740 हे० भूमि स्थित ग्राम-भलुही मदारी पट्टी, तप्पा-मैनपुर, तहसील-कसया, जनपद-कुशीनगर, जो राजस्व अभिलेख में बंजर खाते के नाम से दर्ज है, भी शामिल है, पर शुभम श्रीवास्तव पुत्र स्व० अवधेश श्रीवास्तव, चोकट पुत्र डुग्गी, बनारसी व धन्नी पुत्रगण बाबूलाल, बच्चन प्रजापति व भकोली प्रजापति पुत्रगण रामलाल प्रजापति, रमायन गोड़ पुत्र रामबली, अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव, मोहन लाल, उपेन्द्रलाल, संतोषलाल, सुशील कुमार पुत्रगण वृन्दालाल द्वारा अवैध अतिक्रमण पाये जाने के उपरान्त न्यायालय तहसीलदार कसया-कुशीनगर द्वारा उ०प्र० राजस्व संहिता 2006 की धारा 67 के अन्तर्गत बेदखली का आदेश दिनांक 03.12.2020 पारित किया गया। बेदखली आदेश के उपरान्त अवैध कब्जाधारियों द्वारा न्यायालय जिलाधिकारी, कुशीनगर में उ०प्र० राजस्व संहिता 2006 की धारा 67 (5) के अन्तर्गत अपील प्रस्तुत किया गया, जो दिनांक 14.12.2021 को अपील खारिज हो गया।
अपील खारिज होने के उपरान्त अवैध कब्जाधारियों द्वारा मा० उच्च न्यायालय इलाहाबाद में रिट याचिका सं0-719/2022, 727/2022, 730/2022, 740/2022, 721/2022, 724/2022 व 802/2022 योजित किया गया, जिसके क्रम में मा० उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश पारित किया गया था, जिसके कारण अवैध कब्जेधारियों को सरकारी भूमि से हटाया नही जा सका था। मा० उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 21.08.2025 को अवैध कब्जा को हटाये जाने का आदेश पारित किया गया है,
मौके पर पुलिस टीम की रही उपस्थिति
जिसके क्रम में दिनांक 26.08.2025 को राजस्व, एयरपोर्ट एवं पुलिस टीम की उपस्थिति में आठों भवन स्वामियों द्वारा अपना सामान स्वतः हटा लिया गया एवं प्रशासन द्वारा आठों अवैध अध्यासन को ध्वस्त करा दिया गया। 5 अवैध अतिक्रमणकारी अन्यत्र स्थापित अपने भवन में चले गये, शेष 3 अवैध अतिक्रमणकारियों को प्रशासन द्वारा अस्थायी रूप से वैकल्पिक व्यवस्था की गयी।