CM Yogi :सीएम योगी ने एम्स गोरखपुर में दी डॉक्टरों को नसीहत: बेवजह रेफर करने की प्रवृत्ति छोड़ें, संवेदना बनाए रखें

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CM Yogi :सीएम योगी ने एम्स गोरखपुर में दी डॉक्टरों को नसीहत: बेवजह रेफर करने की प्रवृत्ति छोड़ें, संवेदना बनाए रखें

CM Yogi : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर में 500 बेड के ‘पावरग्रिड विश्राम सदन’ का भूमि पूजन और शिलान्यास किया।

इस दौरान उन्होंने डॉक्टरों को मरीजों के प्रति संवेदनशीलता बरतने और बेवजह हायर सेंटर रेफर करने की प्रवृत्ति से बचने की नसीहत दी।

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उन्होंने कहा कि डॉक्टर की सबसे बड़ी पहचान उसकी संवेदना है, जो गंभीर मरीज की आधी बीमारी दूर कर सकती है।

विश्राम सदन: पूर्वी यूपी का सबसे बड़ा रैन बसेरा

44.34 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह विश्राम सदन पूर्वी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा रैन बसेरा होगा, जिसका निर्माण पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की सीएसआर निधि से होगा।

सीएम ने कहा कि मरीज के साथ आने वाले 3-10 अटेंडेंट्स के लिए यह सुविधा अहम होगी, ताकि उन्हें गर्मी, सर्दी या बारिश में खुले में न रहना पड़े। यह अमानवीय स्थिति को खत्म करने की दिशा में एक कदम है।

एम्स गोरखपुर: बीज से वटवृक्ष तक

मुख्यमंत्री ने बताया कि 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रोपा गया एम्स का बीज आज वटवृक्ष बन चुका है। 2019 में पहले बैच की शुरुआत और 2021 में पीएम मोदी द्वारा लोकार्पण के बाद यह संस्थान पूर्वी यूपी का चिकित्सा हब बन रहा है। वर्तमान में एम्स की ऑक्युपेंसी 75-80% है, और टेली कंसल्टेशन के जरिए इसे अन्य मेडिकल कॉलेजों से जोड़ने की योजना है।

टेली कंसल्टेशन और क्रिटिकल केयर पर जोर

सीएम ने एम्स से अपेक्षा जताई कि वह टेली कंसल्टेशन के जरिए आसपास के मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों को विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करे।

उन्होंने कोरोना काल के सिस्टम मॉडल का जिक्र करते हुए कहा कि इससे हर जिले में आईसीयू और वेंटिलेटर सुविधाएं संभव हुईं।

साथ ही, डॉक्टरों से क्रिटिकल केयर में रिस्क लेने और मरीजों को अनावश्यक रूप से लखनऊ रेफर करने से बचने को कहा।

रियायती भोजन मॉडल का जिक्र

योगी ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 20 साल पहले शुरू किए गए रियायती भोजन मॉडल का उल्लेख किया, जहां 8 रुपये में तीमारदारों को भोजन मिलता था।

आज भी बीआरडी और गुरु गोरखनाथ चिकित्सालय में 10 रुपये में भरपेट भोजन उपलब्ध है। उन्होंने ऐसी व्यवस्थाओं को अन्य संस्थानों में लागू करने पर जोर दिया।

डॉक्टरों को सलाह: मरीजों से सीखें, डेटा जुटाएं

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर मरीज डॉक्टर के लिए नया अनुभव और ज्ञान का स्रोत है। उन्होंने डॉक्टरों से अधिक मरीजों को समय देने और डेटा संग्रह पर ध्यान देने को कहा, क्योंकि इससे बेहतर रिसर्च संभव होती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि मरीजों को सीमित संख्या तक देखने की आदत छोड़नी होगी।

गोरखपुर एम्स: स्वास्थ्य सेवाओं का नया केंद्र

सीएम ने कहा कि 2003 में उठाई गई एम्स की मांग को 2016 में पीएम मोदी ने पूरा किया। उनके कार्यकाल में देश में 22 नए एम्स स्थापित हुए या निर्माणाधीन हैं। गोरखपुर एम्स अब हजारों मरीजों को नया जीवन दे रहा है और इसे पूर्वी यूपी का चिकित्सा हब बनाने की दिशा में काम जारी है।

 

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Ajay Sharmahttps://computersjagat.com
Indian Journalist. Resident of Kushinagar district (UP). Editor in Chief of Computer Jagat daily and fortnightly newspaper. Contact via mail computerjagat.news@gmail.com

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