Criminal:सावधान! बढ़ने लगीं महिला अपराधी, छोटी पड़ रही UP के इस जिले में जेल की बैरक

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Criminal:सावधान! बढ़ने लगीं महिला अपराधी, छोटी पड़ रही UP के इस जिले में जेल की बैरक

criminal: गोरखपुर जिले में महिला अपराधियों की संख्या तेजी से बढ़ी है।

जेल की बैरक भी अब छोटी पड़ने लगी है। 30 की क्षमता वाले बैरक में 130 महिला बंदी यानी क्षमता से चार गुना

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ज्यादा बंदियों को रखा जा रहा है। जेल प्रशासन इसको लेकर परेशान है।

जेल प्रशासन ने महिला बंदियों की बढ़ती आमद को देखते हुए चार साल पहले ही शासन को अवगत कराया था।

उसके लिए 60 महिला बंदियों की क्षमता के बैरक को हरी झंडी भी मिली

और 99 लाख रुपये का बजट भी जारी हुआ लेकिन निर्माण अभी भी आधा अधूरा है।

महिला अपराधियों की संख्या जिले में पहले न के बराबर ही होती थी।

यही वजह रही कि जेल में पुरुष बंदियों के लिए जहां 16 से ज्यादा बैरक बनाए गए वहीं महिला बंदियों के लिए

सिर्फ एक बैरक का निर्माण हुआ। माना गया कि 1000 पुरुष अपराधी के अनुपात में 30 से ज्यादा

महिला अपराधी नहीं होंगी पर अब इनकी संख्या चौगुना तक पहुंच गई है।

दो दशक पहले महिला अपराधी के रूप में दहेज उत्पीड़न या फिर बहू की हत्या के आरोप में ही ज्यादतर

महिलाएं जेल आती थीं। चोरी-चकारी में भी एक्का-दुक्का की आदम हो जाती थी।

हालांकि अब हर तरह के अपराध में महिला अपराधियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

आलम यह है कि महिला अपराधियों की संख्या की वजह से जेल की बैरक भी छोटी पड़ गई है।

शिफ्टों में सोने को हैं मजबूर

वर्तमान में दिक्कत इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि महिला बंदियों अपने बैरक में शिफ्टों में सोने को मिल रहा है।

यही नहीं जेल के अंदर महिला बंदियों के बच्चों के लिए बनाए गए स्कूल में भी रात गुजारनी पड़ रही है।

जेल अधीक्षक, ओपी कटियार ने कहा कि महिलाओं बंदियों की संख्या वर्तमान में काफी बढ़ गई है।

उनके लिए एक बैरक का निर्माण चल रहा है। निर्माण पूरा होने के बाद दिक्कत दूर हो जाएगी।

निर्माण के लिए कार्यदायी संस्था को दर्जनों बार पत्र लिखा जा चुका है।

चार साल से बन रही 60 की क्षमता वाली महिला बैरक

महिला अपराधियों की जेल में बढ़ती संख्या को जेल प्रशासन ने पहले ही भांप लिया था।

चार साल पहले शासन को इससे अवगत कराया था। शासन की तरफ से 60 की क्षमता की महिला बैरक बनाने का

निर्णय लिया गया और 99 लाख रुपये का बजट भी जारी हो गया।

पर अब तक सिर्फ भवन का ढांचा बनकर ही तैयार हुआ है। काम छोड़कर ठेकेदार

भाग गया है। जेल अधीक्षक इसके लिए लगातार पत्र लिख रहे हैं।

पति की हत्या में बंद हैं 30 से अधिक महिलाए

जेल में सिर्फ हत्या के आरोप में ही 50 से ज्यादा महिलाएं बंद हैं

इसमें पति की हत्या में 30 से अधिक महिलाएं बन्द हैं। इनमें रुंधा पत्नी विजय सिंह,

अर्चना पत्नी डॉ.ओम प्रकाश, सुषमा सिंह, पत्नी विवेक सिंह, शायरा खातून पत्नी मोहम्मद हनीफ,

मनीता देवी पत्नी राजदेव, पुष्पाजलि देवी पत्नी विनोद, नीलम उपाध्याय पत्नी ओंकार,

आशा पत्नी विनोद सहित लम्बी फेहरिस्त है। पति और बेटे की जान लेने में अर्चना का सबसे बड़ा नाम है।

 

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Ajay Sharmahttps://computersjagat.com
Indian Journalist. Resident of Kushinagar district (UP). Editor in Chief of Computer Jagat daily and fortnightly newspaper. Contact via mail computerjagat.news@gmail.com

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