Court:सेक्स रैकेट चलाने वाली महिला को मिली 7 साल की सजा, जानिए आखिर कौन है कुख्यात कल्याणी देशपां
court: पुणे में सेक्स रैकेट चलाने वाली कुख्यात कल्याणी देशपांडे उर्फ जयश्री उर्फ टीना उमेश देशपांडे को पुणे की
एक विशेष अदालत ने सोमवार को दोषी ठहराते हुए 7 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है.
यकीनन ये महाराष्ट्र का ये पहला मामला होगा जहां पर एक आरोपी को अनैतिक तस्करी
रोकथाम अधिनियम यानि PITA के साथ-साथ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण
अधिनियम यानि मकोका की धराओं के तहत दोषी ठहराया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, इस मामले की जानकारी रखने वाले पुलिस अधिकारियों का मानना है
कि कल्याणी देशपांडे 90 के दशक से पुणे में देह व्यापार का हिस्सा थी.
उसका नाम साल 2000 में पहली बार पुणे शहर के पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हुआ था.
एक लोकल फैमिली जन्म लेकर पढ़ी बढ़ी कल्याणी पुणे की टॉप दलाल के रूप में मशहूर हो गई
और उस पर लगभग 24 आपराधिक मामले दर्ज किए गए. पुलिस सूत्रों ने कहा कि कल्याणी का रैकेट अजय पाटिल,
शक्ति थापा, मंगेश रुद्राक्ष और राजू बंगाली जैसे उसके विरोधियों की तुलना में बहुत बड़ा था.
कौन है कल्याणी देशपांडे?
कल्याणी देशपांडे कथित तौर पर पुणे के सुस इलाके में अपने बंगले से वीनस एस्कॉर्ट्स के नाम से एक एस्सकॉर्ट
एजेंसी चलाती थी. पाषाण के रहने वाले एक शख्स ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि
सुस रोड स्थित कल्याणी का बंगला देह व्यापार और अपराधों के लिए मशहूर था.
दिसंबर 2007 में कल्याणी के करीबी साथी अनिल ढोले की हत्या भी इसी बंगले में हुई थी.
अनिल ढोले कथित तौर पर वेश्यावृत्ति के लिए मुंबई से कॉल गर्ल्स लाने के लिए एक एजेंट के रूप में काम करता था.
हालांकि, ढोले की हत्या के बाद भी कल्याणी के धंधे में कमी नहीं आई और वो पुणे
और अन्य इलाकों में वैश्यावृत्ति के लिए देश और विदेश से लड़कियां सप्लाई करने में कामयाब रही.
कल्याणी ने बनाया बड़ा नेटवर्क
कल्याणी देशपांडे ने कथित तौर पर होटल वालों और इससे जुड़े क्राइम सिंडिकेट के बीच एक स्ट्रॉन्ग नेटवर्क बना लिया.
उसके पास हाई-प्रोफाइल क्लाइंट्स की भरमार थी. इसके साथ ही अपराध में शामिल होने पर पहले भी कई
मौकों पर कल्याणी को गिरफ्तार भी किया जा चुका था. मुंबई में भी कल्याणी के खिलाफ एक क्रमिनल केस दर्ज
हुआ था. दिसंबर 2005 में पुणे के बाहरी इलाके के एक होटल में सेक्स वर्कर की हत्या के मामले में कल्याणी का
नाम सामने आने के बाद पहली बार मकोका के तहत उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
इस मामले में हवेली पुलिस थाने में पहली एफआईआर दर्ज की गई थी लेकिन बाद में उसे मकोका के केस में छूट मिल
गई और बरी भी कर दिया गया. 31 मार्च 2012 को हिंजेवाड़ी पुलिस ने कल्याणी को
देह व्यापार के मामले में गिरफ्तार किया था. इसके बाद अप्रैल के महीने में एंटी करप्शन ब्यूरो ने हिंजेवाली पुलिस
थाने के इंस्पेक्टर बालसाहेब सुर्वे और कांस्टेबल मोहम्मद हनीफ अब्बास शेख को रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार
किया था. आरोप था कि इन लोगों ने कल्याणी के चचेरे भाई जतिन चावड़ा से 40 हजार रुपये
रिश्वत मांगी थी. तो वहीं कल्याणी इस मामले में बाहर आने में सफल रही.
गिरफ्तारी, बेल और देह व्यापार
हर बार जमानत पर रिहा होने के बाद भी कल्याणी पुलिस के नाक के नीचे अपना देह व्यापार का
धंधा आसानी से चलाती रही. इंडियन एक्सप्रेस के पत्रकारों ने खुद शिवाजीनगर इलाके के एक
फेमस होटल में धंधा चलाते हुए देखा भी. ये बात कुछ साल पहले की है जब वो जमानत पर बाहर थी.
पुलिस सूत्रों का कहना है कि कल्याणी ने अपनी छवि सुधारने के लिए उसके जीवन पर
फिल्म बनाने की कोशिश भी की. कल्याणी ने दावा भी किया था कि फिल्म की शूटिंग पुणे, मुंबई और अहमदाबाद में हो
रही है लेकिन इस फिल्म के नाम की घोषणा नहीं की थी. कल्याणी का कहना था कि वो बताना चाहती थी
कि पुलिस ने उसका शोषण किया और किस तरह से वो देह व्यापार के
धंधे में कदम रखा. हालांकि ये फिल्म कभी भी रिलीज नहीं हो सकी.
कल्याणी ने किस तरह रखा सेक्स रैकेट के धंधे में कदम?
कथित तौर पर कहा जाता है कि कल्याणी ने पुलिस पूछताछ के दौरान कहा था कि वो एक सामान्य परिवार से आती थी
और एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर से शादी भी की थी. उसने पुलिस को ये भी बताया कि परिवार के लिए
पैसों की जरूरत ने उसे सेक्स रैकेट के धंधे में धकेल दिया. अप्रैल 2012 में अंबेडकर जयंती पर उसने
सामाजिक कामों में रुचि दिखाते हुए शहर के कुछ हिस्सों में बैनर भी
लगवाए थे. बैनरों में अंबेडकर के साथ साथ उसकी भी तस्वीर लगी हुई थी.
… और पलट गई कल्याणी की किस्मत
जुलाई 2016 में इंस्पेक्टर संजय निकम के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की एक टीम ने कोथरुड के भुसारी कॉलोनी अपार्टमेंट
में एक सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया, जिसके बाद कल्याणी के लिए चीजें बदल गईं.
यहां से पुलिस ने उजबेकिस्तान से आईं 2 लड़कियों के साथ-साथ तीन अन्य लड़कियों को बरामद किया था.
इसके बाद कोथरुड पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर दर्ज हुई और
पुलिस ने जांच करने के बाद कल्याणी के साथी प्रदीप गवली और रवि तापसे को गिरफ्तार किया.
बाद में, अगस्त के महीने में कल्याणी को भी PITA के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. इसी साल, अक्टूबर में, तत्कालीन
पुणे पुलिस आयुक्त रश्मि शुक्ला ने एक संगठित सेक्स रैकेट चलाने के लिए कल्याणी के खिलाफ मकोका लगाने के
प्रस्ताव को मंजूरी दी. विशेष न्यायाधीश एस आर नवंदर ने इस
मामले में कल्याणी और उसके सहयोगियों को दोषी ठहराया है.