Exposure: जिला कलेक्टेट में तैनात लिपिक की करतूतों का हुआ खुलासा
Exposure: क्या वजह है कि पूरी नौकरी दौरान कलेक्टेªट के लिपिक जगदीश प्रसाद पाण्डेय का आज तक जिले की अन्य तहसीलों व गैर जिले में तबादला नहीं हुआ। ये लिपिक अपने अक्खडपन के लिए जाना जाता है, फिर भी कलेक्टेªट में जमा है। रिश्वतखोरी में इसका कोई जवाब नहीं है।
बुधवार को जिला कलेक्टेªट में तैनात लिपिक जगदीश प्रसाद पाण्डेय की करतूतों का खुलासा हुआ। बताया गया कि ये लिपिक लम्बे समय से कलेक्टेªट मंे जमा है। तकरीबन कलेक्टेªट के सभी लिपिकों का जिले की अन्य तहसीलों में तो तबादला हुआ है, लेकिन इसका तबादला आज तक नहीं हुआ।
कलेक्टेªट में तैनात रहकर इसकी रिश्वतखोरी की चर्चायें तो सभी लोग करते हैं, मजाल क्या कोई इसके सामने मंुह खोल सके। ये लिपिक कर्वी तहसील के सकरौली गांव का रहने वाला है। स्थानीय होने के नाते इसकी दबंगई व मनमानी तथा रिश्वतखोरी सिर चढकर बोल रही है।
कलेक्टेªट में अनुसूचित जाति के लोगों की जमीन खरीदने की अनुमति लेने में लिपिक जगदीश प्रसाद पाण्डेय खुलकर मोलभाव करता है।
अधिकारियों के नाम पर खुलेआम कलेक्टेªट में रखे अपने प्राइवेट सहयोगी से रिश्वत की रकम लेता है। यहां तक कि इस पत्रकार से भी अनुसूचित जाति की जमीन की अनुमति लेने में 15 हजार रुपये की रिश्वत ली है।
ये कहकर कि पूर्व एडीएम कुंवर बहादुर सिंह बिना पैसे के कोई काम नहीं करते। 15 हजार रुपये लेने के बाद इस लिपिक ने अनुमति पत्र दो दिनों के अन्दर बना दिया। ये लिपिक जब लेखपालों की पटल पर था तो जमकर धन उगाही करता रहा है। ले
खपालों के तबादले व अनुकम्पा नियुक्ति में जमकर रिश्वतखोरी करता रहा है। स्थानीय होने के नाते ये लिपिक हर किसी से पैसों की मांग करता है। बिना पैसे के कोई काम नहीं करता।
यहां तक कि अनुसूचित जाति की जमीन लेने के मामले में तो ये लाखों रुपये की रिश्वत लेने में संकोच नहीं कर रहा है। लोगों ने जिलाधिकारी से इस लिपिक को मऊ-राजापुर या मानिकपुर तहसील में तबादला कर करतूतों की जांच की मांग की है।