politics: डिंपल के लिए मैनपुरी की राह कितनी आसान,अखिलेश के भरोसे पर खरा उतरेंगे शिवपाल?

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politics: डिंपल के लिए मैनपुरी की राह कितनी आसान,अखिलेश के भरोसे पर खरा उतरेंगे शिवपाल?

politics: पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव को लेकर मैनपुरी सीट यूपी की सियासत में काफी चर्चित है।

इस सीट से मुलायम सिंह की बहू और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव सपा प्रत्याशी हैं।

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रामपुर और आजमगढ़ सीट हारने के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट जीतना सपा के लिए चुनौती से कम नहीं है।

मुलायम के निधन के बाद विरासत में मिली इस सीट को सपा गंवाने के मूड में नहीं है।

मैनपुरी सीट जीतने को लेकर अखिलेश यादव के सामने जो चुनौतियां

थीं? शिवपाल से मुलाकात के बाद वह भी लगभग दूर हो गई हैं।

करीब एक घंटे से ज्यादा की इस मुलाकात में शिवपाल ने बहू डिंपल को जीत का आशीर्वाद दे दिया है।

हालांकि शिवपाल यादव ने एक दिन पहले अपने कार्यकर्ताओं से बहू डिंपल यादव को जिताने के लिए

अपील कर चुके हैं। गुरुवार को हुई इस मुलाकात ने डिंपल के लिए मैनपुरी की राह को और भी आसान कर दिया है

बहू डिंपल को जीत का आशीर्वाद देने के लिए शिवपाल ने अखिलेश से चल रही नाराजगी को भी खत्म कर दिया है।

अब देखना यह है कि अखिलेश के भरोसे पर शिवपाल कितना

खरा उतरेंगे? यह तो आठ दिसंबर के बाद ही पता चल पाएगा।

शिवपाल साथ नहीं होते तो क्या होता

वर्षों से सपा के पाले में रही मैनपुरी लोकसभा सीट जीतने को लेकर सियासी बिसातें बिछ गई हैं।

अखिलेश पत्नी डिंपल को जिताने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं।

दरअसल शिवपाल और अखिलेश के बीच महीनों से मतभेद चल रहा था।

राजनीतिक जानकारों की मानें तो शिवपाल का साथ न मिलने से मैनपुरी में डिंपल को

कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता था। शिवपाल के साथ न होने से

सपा परिवार में बिखराव पैदा हो जाता। इसका पूरा फायदा भाजपा उठाती।

भाजपा पहले से ही परिवार वाद का मुद्दा बनाकर अपने वोटबैंक को मजबूत करने में जुटी है।

मैनपुरी में सपा के साथ शिवपाल के नहीं आने से भाजपा को इसका और भी फायदा मिल जाता।

इसके अलावा सपा से शिवपाल की दूरी जनता में एकजुटता का संदेश नहीं देती।

कार्यकर्ताओं में भी उत्साह कम रहाता। शिवपाल के कार्यकर्ता सपा से नहीं जुड़ते।

पुराने लोगों को भी डिंपल के पक्ष में लाने में काफी परेशानी होती।

शिवपाल के सपा के साथ आ जाने से डिंपल और अखिलेश दोनों मैनपुरी में आने वाली चुनौतियों से निपट सकेंगे।

चाचा ने डिंपल को दिया विजय आशीर्वाद

गुरुवार को सैफई पहुंचे सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को

चाचा शिवपाल यादव ने जीत का आशीर्वाद दे दिया है। इसे डिंपल यादव की जीत की शिवपाल की ओर से दी गई

गारंटी भी माना जा रहा है। सबसे अहम बात है अखिलेश और शिवपाल के बीच फैले मतभेदों की।

दोनों नेताओं की मुलाकात ने इसे भी लगभग खत्म कर दिया है।

शिवपाल ने अखिलेश को सपा की जीत का भी भरोसा दिया है।

दरअसल मैनपुरी में मुलायम के बाद शिवपाल पहले ऐसे नेता हैं,

जिनका कद अभी भी बरकरार है। मैनपुरी में शिवपाल की अच्छी पकड़ है।

 

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Ajay Sharmahttps://computersjagat.com
Indian Journalist. Resident of Kushinagar district (UP). Editor in Chief of Computer Jagat daily and fortnightly newspaper. Contact via mail computerjagat.news@gmail.com

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