Ayodhya Ram Mandir में रामलला दर्शन की नई व्यवस्था नहीं हो सकी लागू, जानें वजह
Ayodhya Ram Mandir : श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से बनाई गई नई व्यवस्था शनिवार को पहले दिन भीड़ के दबाव में पूरी तरह से लागू नहीं हो सकी। इसके कारण रामलला को आराम नहीं मिल पाया।
प्राण प्रतिष्ठा के बाद से भीड़ के चलते ही मध्याह्न भोग आरती के लिए महज दस मिनट तक पर्दा लगाया जा सका और पूरे समय दर्शन चलता रहा।
इस दौरान आम श्रद्धालुओं के साथ वीवीआईपी श्रद्धालुओं की भी लंबी कतार लगी रही। इसके विपरीत तीर्थ क्षेत्र ने तय किया था कि मध्याह्न 12 बजे रामलला की भोग आरती के बाद करीब 45 मिनट के लिए मंदिर का पट बंद रखा जाएगा और दोबारा दर्शन अपराह्न एक बजे से शुरू होगा।
आरती दर्शन 29 फरवरी तक हाउसफुल:
उधर रामलला की आरती दर्शन के लिए मंगला व शयन आरती के लिए पास की आनलाइन व्यवस्था में 29 फरवरी तक बुकिंग फुल हो गयी।
वहीं शनिवार से श्रृंगार आरती दर्शन के लिए नयी व्यवस्था जोड़ी गयी थी। इस आरती दर्शन का पास भी 29 फरवरी तक पूरी तरह से बुक हो गया है।
तीर्थ क्षेत्र ने आरती दर्शन के लिए एक सौ पास निर्गत करने का निर्णय लिया था लेकिन आनलाइन बुकिंग के लिए महज 20-20 की ही संख्या निर्धारित है जबकि शेष 80 पास रेफरल है जो कि तीर्थ क्षेत्र के ही पदाधिकारियों की संस्तुति पर निर्गत किए जाते हैं।
पहले दिन सुगम दर्शन के अलग-अलग स्लाट में रिक्त रह सीटें:
उधर वीवीआईपी दर्शनार्थियों की बहुलता के कारण तीर्थ क्षेत्र ने सुगम दर्शन व विशिष्ट दर्शन की व्यवस्था भी शनिवार से लागू की गयी है लेकिन सुगम दर्शन के बारे में पहले कम जानकारी के कारणों पहले के अलग-अलग स्लाट में जगहें खाली रह गयी।
फिलहाल तीन दिनों यानि की 19 फरवरी तक के लिए वेबसाइट ओपेन की गयी थी। तीर्थ क्षेत्र ने सुगम दर्शन के लिए तीन सौ श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित की गयी है जिसमें 150 सीट आनलाइन बुकिंग के लिए तय है
जबकि 150 सीटें रेफरल है और यह तीर्थ क्षेत्र पदाधिकारियों व शासन -प्रशासन की संस्तुति पर जारी होंगी। तीर्थ क्षेत्र की वेबसाइट की बात करें तो 17 फरवरी को सायं पांच से सात बजे के स्लाट में 65 व सायं सात से नौ बजे के स्लाट में 70 सीट की वैकेंसी रह गयी।
विशिष्ट दर्शन के पास के लिए लागू कर दिया गया ड्रेस कोड:
श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ने विशिष्ट दर्शन के लिए पास निर्गत करने की व्यवस्था दे दी है लेकिन इस व्यवस्था के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया है।
तीर्थ क्षेत्र ने विशिष्ट दर्शन के लिए आनलाइन बुकिंग की व्यवस्था नहीं है बल्कि यह विशिष्ट पास पदाधिकारियों की संस्तुति के आधार पर ही निर्गत होगी। तीर्थ क्षेत्र ने इसकी संख्या भी 150 तय की है लेकिन यह सशर्त है।
सशर्त का तात्पर्य है कि पुरुषों व महिलाओं को पारम्परिक मंगल वेश में प्रवेश दिया जाएगा और यह श्रद्धालु गर्भगृह के निकटतम स्थान से रामलला का दर्शन पा सकेंगे।
तीर्थ क्षेत्र ने मंगल वेश के रूप में पुरुषों के धोती-कुर्ता या कुर्ता – पैजामा एवं महिलाओं के लिए साड़ी अथवा पंजाबी सूट या चूड़ीदार सलवार- सूट तय किया है।