Sleep Apnea:स्लीप एप्निया के इलाज के लिए SN मेडिकल कॉलेज में बनेगा खास ‘स्लीप रूम’

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Sleep Apnea:स्लीप एप्निया के इलाज के लिए SN मेडिकल कॉलेज में बनेगा खास ‘स्लीप रूम’

Sleep Apnea: खर्राटे लेना सिर्फ परेशानी का कारण नहीं, बल्कि यह स्लीप एप्निया जैसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है, जो जानलेवा भी साबित हो सकती है।

इस बीमारी के इलाज के लिए आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में विशेष ‘स्लीप रूम’ तैयार किया जा रहा है। यह सुविधा मरीजों को रात में रखकर उनकी जांच और इलाज के लिए होगी।

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इस पहल के तहत लेडी लायल हॉस्पिटल परिसर में 120 बेड का नया भवन बन रहा है, जिसमें स्लीप एप्निया के मरीजों के लिए 20 बेड आरक्षित होंगे।

क्या है स्लीप एप्निया?

स्लीप एप्निया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें खर्राटों के दौरान श्वास नलियों में रुकावट के कारण ऑक्सीजन का प्रवाह बंद हो जाता है।

इससे दिमाग और हृदय तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता, जिसके परिणामस्वरूप हार्ट अटैक या ब्रेन स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

मोटापा इस बीमारी का प्रमुख जोखिम कारक है, लेकिन अन्य कारणों जैसे श्वास नलियों में सूजन के कारण भी यह समस्या हो सकती है।

आधुनिक तकनीक से होगी जांच

एसएन मेडिकल कॉलेज में स्लीप एप्निया की जांच के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा।

पारंपरिक रूप से गले की माप (महिलाओं में 16 इंच और पुरुषों में 17 इंच से अधिक) से इस रोग का अनुमान लगाया जाता था,

लेकिन अब पॉलीसोम्नोग्राफी और सीपैप (CPAP) जांच का सहारा लिया जाता है। सीपैप जांच के दौरान मरीज को रातभर विशेष स्लीप रूम में रखा जाता है।

ऑटोमेटिक मशीन खर्राटों की संख्या, समय और ऑक्सीजन बंद होने की अवधि को रिकॉर्ड करती है।

इसके आधार पर रोग की गंभीरता का आकलन कर इलाज और थेरेपी तय की जाती है।

1000 करोड़ के प्लान का हिस्सा

एसएन मेडिकल कॉलेज में स्लीप एप्निया के इलाज की यह व्यवस्था 1000 करोड़ रुपये के इंटीग्रेटेड प्लान का हिस्सा है।

रेस्पेरेटरी विभाग (क्षय और वक्ष रोग) के तहत यह सुविधा विकसित की जा रही है।

नए भवन में स्लीप एप्निया के मरीजों के लिए विशेष स्लीप रूम बनाए जाएंगे, जहां रात में उनकी निगरानी और इलाज होगा।

लापरवाही पड़ सकती है भारी

एसएनएमसी के वरिष्ठ चेस्ट फिजीशियन डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि स्लीप एप्निया को सामान्य बीमारी समझकर नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।

कई बार सोते समय लोगों की मृत्यु के पीछे यह रोग कारण होता है। ऑक्सीजन की कमी से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

उन्होंने लोगों से अपील की कि खर्राटों की समस्या को गंभीरता से लें और समय रहते जांच कराएं।

जल्द शुरू होगी सुविधा

एसएन मेडिकल कॉलेज में स्लीप एप्निया के लिए विशेष व्यवस्था जल्द शुरू होने वाली है। यह सुविधा न केवल आगरा, बल्कि आसपास के क्षेत्रों के मरीजों के लिए भी वरदान साबित होगी।

इस कदम से स्लीप एप्निया के मरीजों को समय पर निदान और इलाज मिल सकेगा, जिससे उनकी जान बचाई जा सकेगी।

 

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Ajay Sharmahttps://computersjagat.com
Indian Journalist. Resident of Kushinagar district (UP). Editor in Chief of Computer Jagat daily and fortnightly newspaper. Contact via mail computerjagat.news@gmail.com

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