Dialogue: डीएम ने ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन’ योजना से जुड़े बच्चों से की मुलाकात और संवाद
Dialogue: देवरिया के एन.आई.सी. कलेक्ट्रेट सभागार में ‘पी.एम. केयर्स फॉर चिल्ड्रेन योजना’ के तहत जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने लाभार्थी बच्चों से बातचीत और वाद-संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पुनर्वास, पैतृक संपत्ति की सुरक्षा जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। बच्चों ने निर्भीक होकर अपने नाम, शिक्षा और पते की जानकारी साझा की।
एक बालिका ने बताया कि वह प्रधानमंत्री से मिलना चाहती है। जिलाधिकारी ने नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए कि चेक लिस्ट के आधार पर मासिक रिपोर्ट तैयार करें और त्रैमासिक रूप से परिवारों से संपर्क कर उनकी समस्याओं का विवरण जिला बाल संरक्षण इकाई को उपलब्ध कराएं।
बच्चों को आश्वासन दिया
जिलाधिकारी ने बच्चों को आश्वासन दिया कि किसी भी समस्या के लिए वे जिला बाल संरक्षण इकाई के संरक्षण अधिकारी से फोन या व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर सकते हैं, और उनकी समस्याओं का समाधान करने का पूरा प्रयास किया जाएगा। मुख्य विकास अधिकारी प्रत्यूष पाण्डेय ने बच्चों को आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कार्ड के उपयोग के बारे में जानकारी दी। जिला परिवीक्षा अधिकारी अनिल कुमार सोनकर ने योजना के महत्व और लाभों पर प्रकाश डाला।
संरक्षण अधिकारी जय प्रकाश तिवारी ने बताया कि यह योजना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित है। इसके तहत उन बच्चों को लाभ मिलता है, जिनके माता-पिता या विधिक अभिभावक की मृत्यु 11 मार्च 2020 से 31 दिसंबर 2021 के बीच कोविड-19 के कारण हुई हो, बशर्ते बच्चे की आयु मृत्यु के समय 18 वर्ष से कम हो। योजना के तहत प्रत्येक बच्चे को 18 वर्ष की आयु तक ऐसी धनराशि दी जाएगी, जो 10 लाख रुपये तक पहुंचेगी, और यह राशि 23 वर्ष की आयु में भुगतान की जाएगी। 18 से 23 वर्ष की आयु के बीच बच्चे को पांच साल तक स्टाइपेंड भी मिलेगा।
नौ बच्चों लाभान्वित किया गया
जिले में इस योजना के तहत एक बालक और आठ बालिकाओं को लाभान्वित किया गया है। इनकी देखरेख के लिए उप जिलाधिकारी रुद्रपुर, तहसीलदार सलेमपुर, खंड शिक्षा अधिकारी सलेमपुर, रामपुर कारखाना, देवरिया सदर और जिला परिवीक्षा अधिकारी कुशीनगर को नामित किया गया है। कार्यक्रम में मुख्य पोस्ट मास्टर राजकुमार, संरक्षण अधिकारी विनय कुमार शर्मा, खंड शिक्षा अधिकारियों के प्रतिनिधि, जिला प्रोबेशन के सैफ खान, जिला बाल संरक्षण इकाई के जैनेन्द्र पाण्डेय सहित योजना के आठ बच्चे और उनके संरक्षक मौजूद रहे।