Aadhar card: क्या आधार कार्ड से जुड़े इन अपराधों के लिए सजा जानते हैं आप! एक लाख तक जुर्माना या जाना पड़ सकता है जेल

Date:

spot_img
spot_img

Date:

spot_img
spot_img

Aadhar card: क्या आधार कार्ड से जुड़े इन अपराधों के लिए सजा जानते हैं आप! एक लाख तक जुर्माना या जाना पड़ सकता है जेल

Aadhar card :आधार आज के समय में सबसे महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्स में से एक है।

एक पहचान पत्र के तौर पर आपको अक्सर आप आधार कार्ड का इस्तेमाल तमाम चीजों में करते हैं।

- Advertisement -
- Advertisement -

जैसा कि आप जानते हैं कि आधार भारत सरकार की तरफ से भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानी यूआईडीएआई द्वारा जारी 12 अंकों की व्यक्तिगत पहचान संख्या है।

यह संख्या भारत में कहीं भी पहचान और पते के प्रमाण के रूप में काम करती है।

इंडिया पोस्ट के जरिये से हासिल आधार कार्ड और यूआईडीएआई वेबसाइट से डाउनलोड किया गया ई-आधार समान रूप से मान्य हैं।

लेकिन कई बार आधार से जुड़े फर्जीवाड़े के मामले भी सामने आते हैं।

आधार से जुड़े अपराधों के लिए सजा या जुर्माने का भी प्रावधान है। आइए, यहां हम इन्हीं बातों की चर्चा करते हैं।

आधार से जुड़े अपराध और जुर्माना

  • आधार बनवाते समय गलत जनसांख्यिकीय या बायोमेट्रिक जानकारी देकर फर्जीवाड़ा करना एक अपराध है। दोषी पाए जाने पर 3 वर्ष तक का कारावास या 10,000/- रुपये तक का जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है।
  • आधार संख्या होल्डर की जनसांख्यिकीय और बायोमेट्रिक जानकारी को बदलकर या बदलने का प्रयास करके आधार संख्या धारक की पहचान को अपनाना एक अपराध है। इसके लिए 3 वर्ष तक का कारावास और 10,000/- रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।
  • किसी निवासी की पहचान संबंधी जानकारी इकट्ठा करने के लिए अधिकृत एजेंसी होने का दिखावा करना एक अपराध है। अगर कोई इस अपराध का दोषी पाया जाता है तो उसे 3 वर्ष तक का कारावास या 10,000 रुपये तक का जुर्माना या किसी कंपनी के लिए 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
  • नामांकन/प्रमाणीकरण के दौरान इकट्ठा की गई जानकारी को जानबूझकर किसी अनधिकृत व्यक्ति को भेजना/बताना या इस अधिनियम के तहत किसी समझौते या व्यवस्था का उल्लंघन करना एक अपराध है। इस अपराध के एवज में 3 वर्ष तक का कारावास या 10,000 रुपये तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। किसी व्यक्ति के लिए 10,000/- या किसी कंपनी के लिए 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों शामिल है।
  • केंद्रीय पहचान डेटा रिपोजिटरी (CIDR) तक अनऑथोराइज्ड एक्सेस और हैकिंग करना एक अपराध है। यूआईडीएआई के मुताबिक, ऐसे मामलों में 10 साल तक की कैद और न्यूनतम 10 लाख रुपये का जुर्माना तय किया गया है।
  • केंद्रीय पहचान डेटा रिपोजिटरी में डेटा के साथ छेड़छाड़ भी एक अपराध है। इस अपराध के मामले में 10 साल तक की कैद और 10,000 रुपये तक का जुर्माना है।
  • रिक्वेस्ट करने वाली यूनिट या ऑफलाइन वेरिफिकेशन चाहने वाली यूनिट द्वारा किसी व्यक्ति की पहचान की जानकारी का गलत इस्तेमाल भी अपराध है। किसी व्यक्ति के मामले में 3 साल तक की कैद या 10,000/- रुपये तक का जुर्माना या किसी कंपनी के मामले में 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
  • ऐसे अपराध के लिए दंड, जिसके लिए कहीं और कोई विशिष्ट दंड का प्रावधान नहीं है। ऐसे में किसी व्यक्ति के मामले में 3 वर्ष तक की जेल या 25,000 रुपये तक का जुर्माना, या किसी कंपनी के मामले में 1 लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों शामिल हैं।

 

Share This:
Ajay Sharmahttps://computersjagat.com
Indian Journalist. Resident of Kushinagar district (UP). Editor in Chief of Computer Jagat daily and fortnightly newspaper. Contact via mail computerjagat.news@gmail.com

Most Popular

More like this
Related

वैष्णो देवी ट्रैक पर भूस्खलन, पांच श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत

वैष्णो देवी ट्रैक पर भूस्खलन, पांच श्रद्धालुओं की दर्दनाक...

कटरीना कैफ का शाहरुख खान पर निशाना, मीडिया के सामने दिया करारा जवाब

कटरीना कैफ का शाहरुख खान पर निशाना, मीडिया के...

प्रशासन की निगरानी में हो रहा यूरिया खाद का वितरण

प्रशासन की निगरानी में हो रहा यूरिया खाद का...

अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट परिसर में न्यायालय के निर्देश पर आठों भवन स्वतः हटाए गए

अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट परिसर में न्यायालय के निर्देश पर आठों...