Income tax : अरबों की आमदनी में निकली 23 करोड़ की टैक्स चोरी,आयकर चोरी के अब तक 6 हजार केस
केस 1-
कानपुर के कारोबारी ने संपत्ति की खरीद-बिक्री से करीब 26 लाख रुपये कमाए। बैंक खाते में बारी-बारी से रकम जमा हुई। इस रकम पर कोई भी आयकर नहीं जमा किया। विभाग को जांच में बड़ी टैक्स चोरी मिली।
केस 2-
नोएडा के एक व्यक्ति ने शेयर मार्केट में पैसा लगाया तो कंपनी से तगड़ा मुनाफा भी कमाया। इस आमदनी पर आयकर विभाग को कोई भी टैक्स नहीं दिया। अब जांच के दायरे में फंस गए।
अरबों की आमदनी में 23 करोड़ से ज्यादा की टैक्स चोरी का खुलासा प्रदेश में हुआ है। आयकर विभाग की जांच में प्रदेश में लगभग छह हजार मामले ऐसे हैं, जिन्होंने आयकर चोरी सीधे तौर पर की है।
फिलहाल विभाग की जांच अभी जारी है। मामले व टैक्स चोरी की संख्या में अभी इजाफा होगा। विभाग इनके खिलाफ धारा 133(6) के तहत नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार, तीन बार नोटिस ·ûभेजने के बाद रकम का विवरण न देने पर जांच विंग को मामले सौंप दिए जाएंगे।
करोड़ों की टैक्स चोरी हाथ लगी
आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार, करोड़ों-लाखों की आमदनी के बाद भी आयकर के नाम पर एक भी पैसा नहीं देने के मामले ई-वेरीफिकेशन कोड 2021 सिस्टम के तहत पकड़ में आए हैं। बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 की जांच में विभाग को अब तक करोड़ों की टैक्स चोरी हाथ लगी।
गलत सूचना व एक बार भी आरटीआर दाखिल नहीं
आयकर विभाग की जांच में टैक्स चोरी के दो तरह के मामले पकड़ में आए हैं। पहले तो ऐसे मामले हैं, जिन्होंने आमदनी की गलत सूचना आरटीआर दाखिल करते समय दी। मतलब आमदनी को सीधे तौर पर छिपाया गया। वहीं लाखों-करोड़ों की आय के बाद भी एक बार भी आरटीआर दाखिल नहीं किया।
जमकर की टैक्स चोरी
जांच में संपत्ति की खरीद-बिक्री के अलावा बैंक ब्याज, शेयर कंपनी से मुनाफा कमाने वालों ने जमकर आयकर डकारा है। इसके अलावा सीमेंट, कपड़ा, रीयल इस्टेट समेत कई कारोबार से जुड़े लोग भी आयकर चोरी में पाए गए हैं।
कानपुर में भी टैक्स न देने के केस खुले
आयकर विभाग को कानपुर में भी टैक्स न देने के कई मामले मिले हैं। अब तक की जांच में करीब एक हजार मामले खुल चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, लगभग चार करोड़ से अधिक की टैक्स चोरी मिली है। सभी के खिलाफ विभाग बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है।
देशभर में सवा चार सौ करोड़ का खेल
सूत्रों के अनुसार, टैक्स न देने के मामले देशभर में पांच लाख से अधिक की संख्या में हैं। यूपी के अलावा दिल्ली, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड समेत कई प्रदेशों में सवा चार सौ करोड़ की टैक्स चोरी की बात सामने आई है।
वरिष्ठ कर विशेषज्ञ, धर्मेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि ई वेरीफिकेशन सिस्टम के तहत आयकर विभाग को देश-प्रदेश व शहर में बड़े स्तर पर टैक्स नहीं देने के मामले मिले हैं।
ऐसे लोग जो आयकर नियमों के अंतर्गत आने के बाद भी टैक्स नहीं देते हैं, उन्हें अलर्ट हो जाना चाहिए। टैक्स न देने पर विभाग कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है।
आयकर विशेषज्ञ, अंकुर गोयल ने कहा कि 2021 में ई-वेरीफिकेशन सिस्टम शुरू हुआ तो आयकर विभाग ने इसके जरिए तमाम मामलों की पड़ताल शुरू की।
जांच में करोड़ों की टैक्स चोरी का पता चला है। अभी जांच होनी बाकी है, इसलिए टैक्स चोरी की रकम व केस संख्या दोनों बढ़ने का अनुमान है।