भोजपुरी अभिनेत्री Akanksha Dubey की मौत की सीबीआई जांच पर राज्य सरकार से मांगा जवाब
Akanksha Dubey: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भोजपुरी अभिनेत्री आकांक्षा दुबे की
संदिग्ध मौत की सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर
राज्य सरकार से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र
एवं न्यायमूर्ति विवेक सिंह की खंडपीठ ने आकांक्षा दुबे की मां मधु दुबे की आपराधिक याचिका पर दिया है।
याचिका पर सौरभ तिवारी, आर्य सुमन पांडेय, सीबीआई की ओर से
संजय कुमार यादव व राज्य सरकार की ओर से अपर शासकीय अधिवक्ता ने पक्ष रखा।
वाराणसी के सारनाथ इलाके के एक होटल में 26 मार्च को संदिग्ध हालत में आकांक्षा दुबे का शव पाया गया था।
देखने से लग रहा था कि उसने फांसी लगाई है जबकि पैर जमीन पर
और शरीर का कुछ हिस्सा बेड पर था। मौत से कुछ घंटे पहले ही आकांक्षा एक पार्टी से भी लौटी थी।
उसमें पूरी तरह खुश भी दिखाई दे रही थी। ऐसे में परिजनों ने सुसाइड की बातों से सीधा इनकार किया था।
आकांक्षा दुबे के परिवार वालों ने भोजपुरी गायक समर सिंह पर खुदकुशी के लिए
उकसाने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने समर सिंह व एक अन्य के खिलाफ
चार्जशीट दाखिल की है। आकांक्षा की मां मधु दुबे ने याचिका में पुलिस की
विवेचना पर सवालिया निशान लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है।
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आकांक्षा की मां मधु दूबे ने भोजपुरी गायक समर सिंह और संजय सिंह पर
अपनी बेटी की हत्या का आरोप लगाया था। मधु दुबे ने कई बार यूपी सरकार और
जनप्रतिनिधियों से अपनी बेटी को न्याय दिलाने की भी मांग की थी।
लाइव वीडियो करके भी अपनी बेटी के लिए इंसाफ की गुहार लगाती रहीं हैं।
मां का कहना है कि मेरी बेटी पूरी भोजपुरी इंडस्ट्री को अपना परिवार मानती थी।
कहती थी मैं अकेली कहां हूं मां सब लोग हैं मेरे साथ। कहां था वो परिवार जब मेरी बेटी वहां दो
दिनों तक कमरे में लावारिश पड़ी थी। मेरी बेटी को गए हुए इतने महीने बीत गए।
क्या हुआ इस केस में। अब कोई सामने क्यों नहीं आ रहा है। मेरी बेटी की मौत के बाद
न कोई मिलने आया न ही किसी ने बोला कि हां आकांक्षा को न्याय मिलना चाहिए।
सब चुप्पी साधकर बैठे हैं, किसको बचाना चाहते हैं नहीं पता।
भोजपुरी से नाम कमाने के बाद सांसद बने लोग कहां हैं आज
आकांक्षा की मां ने आगे कहा कि मेरी बेटी का जो परिवार था वो मेरे घर आए थे।
पवन सिंह, गुंजन सिंह, राकेश मिश्रा, अक्षरा सिंह ये
लोग आए थे घर इनके चेहरे से साफ पता चल रहा था
कि ये लोग दुखी हैं। बाकी लोग कहां हैं। आज
भोजपुरी से ही नाम कमाने के बाद तीन सांसद हैं,
रवि किशन, मनोज तिवारी, निरहुआ, लेकिन कोई नहीं
आया अगर ये चाह लेते तो मेरी बेटी को इंसाफ मिल जाता।
सबको पता था कि मेरी बेटी के साथ क्या होता था, लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की।
सब लोग गुनहगार को बचा रहे है। क्या करण मैं भी ये जानना चाहती हूं।
सब लोग समर सिंह को बचाने की कोशिश कर रहे हो
याद रखना वो कल किसी और के साथ भी ऐसा कर सकता है।