Varun Gandhi का पीलीभीत से भाजपा ने क्यों काटा टिकट? मां मेनका गांधी ने बताया कारण
Varun Gandhi का पीलीभीत से भाजपा ने क्यों काटा टिकट? मां मेनका गांधी ने बताया कारण
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Varun Gandhi का पीलीभीत से भाजपा ने क्यों काटा टिकट? मां मेनका गांधी ने बताया कारण
Varun Gandhi: पीलीभीत से वरुण गांधी का टिकट कटने के पीछे क्या कारण रहे हैं? इसको लेकर भाजपा नेता मेनका गांधी ने संकेत दे दिए हैं।
मेनका गांधी ने कहा, संभवत: सरकार की आलोचना करने के कारण उनके बेटे वरुण गांधी को पीलीभीत से पार्टी का लोकसभा टिकट नहीं मिला।
साथ ही उन्होंने भरोसा जताया कि टिकट नहीं मिलने के बावजूद वरुण बहुत अच्छा करेंगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और सुलतानपुर सीट से भाजपा उम्मीदवार मेनका ने कहा कि वरुण गांधी यहां आकर उनके लिए प्रचार करना चाहते हैं,
लेकिन इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। उत्तर प्रदेश की सुलतानपुर सीट पर आम चुनाव के छठे चरण में 25 मई को मतदान होगा।
वरुण गांधी को टिकट नहीं दिए जाने और ऐसे में एक मां के रूप में उन्हें बुरा लगने के सवाल पर मेनका गांधी ने कहा,
‘मैं यह नहीं कह सकती कि मुझे खुशी हुई, लेकिन मुझे यकीन है कि वरुण बिना टिकट के भी बहुत अच्छा करेंगे।’
वरुण को इस बार भी पीलीभीत से खड़ा किये जाने की मांग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘हां, उन्हें पीलीभीत से भाजपा उम्मीदवार होना चाहिए था,
लेकिन पार्टी ने फैसला ले लिया है, बस इतना ही।’ क्या भविष्य में वरुण गांधी पहले की तरह सुलतानपुर का रुख कर सकते हैं या अब भी पीलीभीत ही उनकी कर्मभूमि है,
इस पर मेनका गांधी ने कहा, ‘फिलहाल, निश्चित रूप से पीलीभीत और भारत उनकी कर्मभूमि है, उन्हें सभी जगह काम करने दीजिए।
‘ यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार की आलोचना करने के कारण वरुण को टिकट नहीं मिला, उन्होंने कहा, ‘मुझे कोई अन्य कारण नजर नहीं आता।
‘ यह पूछे जाने पर कि क्या वरुण गांधी सुलतानपुर में उनके लिये प्रचार करेंगे, तो इसपर मेनका ने कहा कि वह यहां आने को तैयार हैं,
‘लेकिन हमने अब तक इसपर कोई फैसला नहीं किया है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं सबको इसमें नहीं डालना चाहती।’
आठ बार की सांसद मेनका ने यह भी कहा कि अपने चुनावों में वह केवल स्थानीय मुद्दों के बारे में बात करती हैं।
उन्होंने कहा कि चुनावी मुद्दा किए गए कार्यों और उस काम के बारे में है, जो किया जाएगा, क्योंकि इसमें लोगों की रुचि राष्ट्रीय मुद्दों से कहीं अधिक है।
पिछली बार मेनका 14,000 से अधिक मतों से जीती थीं। पिछले चुनाव की तुलना में इस बार उनकी स्थिति कैसी है,
इसपर उन्होंने कहा, ‘मैं बस गई हूं और चुनाव सही चल रहा है और उम्मीद है कि हम काफी बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
‘ क्षेत्र में अपने दिवंगत पति संजय गांधी के विकास कार्यों और लोगों के मन पर उसके व्यापक प्रभाव के बारे में मेनका ने कहा, ‘जनता उन्हें बेहद याद करती है।’
उत्तर प्रदेश में राम मंदिर भाजपा का अहम मुद्दा होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सुलतानपुर में शायद यह कम महत्वपूर्ण है, भले ही यह जिला अयोध्या के बगल में है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘लोग अयोध्या में (राम) मंदिर को लेकर बहुत खुश हैं, (लेकिन) यह चुनावी विमर्श का हिस्सा नहीं है। यह हर किसी के दिल में हो सकता है
लेकिन यह आम चर्चा का मुद्दा नहीं है।’ मेनका गांधी ने विरासत का मुद्दा उठाने के लिए कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा, ‘इसे उठाना उनके (पित्रोदा) लिए अनुचित था। व्यक्तिगत रूप से, मैं पूरी तरह से विरासत कर के खिलाफ हूं।’
‘धन के पुनर्वितरण’ के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दावों के बारे में पूछे जाने पर भाजपा नेता ने कहा, ‘मुझे लगता है कि पित्रोदा ने जो कहा, वह उस पर प्रतिक्रिया दे रहे थे।’
जमीनी स्तर पर फर्क लाने वाली सरकारी योजनाओं का जिक्र करते हुए मेनका गांधी ने कहा कि लोगों को राशन देने से निश्चित रूप से मदद मिली है और जो अद्भुत चीजें हुई हैं
उनमें से एक यह है कि लोगों को पक्के घर मिल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘इससे बहुत प्रभाव पड़ा है।’
यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लिए 400 से अधिक सीटें और भाजपा के लिए 370 सीटें हासिल करने का लक्ष्य यथार्थवादी है,
मेनका गांधी ने कहा, ‘ऐसा संभव लगता है, अन्यथा उन्होंने ऐसा नहीं कहा होता।’
अपनी सीट पर जीत और मतों के अंतर के बारे में पूछे जाने पर गांधी ने कहा, ‘मैं भविष्यवाणी नहीं करती, लेकिन हम यह सीट जीतेंगे।
‘ वर्ष 2019 में भाजपा नेता ने 4,59,196 वोट हासिल कर बसपा के चंद्र भद्र सिंह को सुलतानपुर सीट से हराया था।
सिंह को 4,44,670 वोट मिले थे। इस बार उनका मुकाबला समाजवादी पार्टी के राम भुआल निषाद से है।